
भोपाल। बैंक एटीएम कार्ड में लगने वाली चिप चीन से आना बंद है। जिसको लेकर बैंकों में एटीएम कार्ड की उपलब्धता का संकट खड़ा हो गया। कुछ महीनों से बैंक एटीएम कार्ड की कमी से जूझ रहे हैं। इधर खाता धारक एटीएम कार्ड के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। खाता धारकों को एटीएम कार्ड के लिए दो से छह महीने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस परेशानी को देखते हुए कुछ बैंक बिना चिप वाला एटीएम ग्राहकों को थमा रहे हैं। एटीएम की उपलब्धता न होने के कारण बैंकों से नगद निकासी बढ़ी है। इसके साथ ही आनलाइन सेवाओं का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा हा है। हालांकि आनलाइन सेवाओं का उपयोग न करने वालों के सामने एटीएम कार्ड की उपलब्धता न होने बड़ी मुसीबत बनी है।
एटीएम कार्ड में एक सिलिकान की चिप लगी होती है। इस चिप में खाताधारक के खाते संबंधी पूरी जानकारी अपलोड होती है। एटीएम मशीन में जब कार्ड उपयोग किया जाता है जो मशीन कार्ड में लगी चिप का डेटा पढ़ती है और उस खाते से संबंधित पासवर्ड डालने पर वह मैच करती है । जब पासवर्ड मैच हो जाता है तो मशीन ग्राहक द्वारा मशीन में डाली गई राशि का भुगतान कर देती है। आरबीआई के अनुसार इस चिप के कार्ड को तकनीकी रूप से सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। इसमें माइक्रोप्रोसेसर चिप लगी होगी। इस चिप के लगने से आपके कार्ड का क्लोन बनाना संभव नहीं है। एटीएम फ्रोड को रोकने के लिए इस तकनीक पर आधारित डेबिट कार्ड को बनाया गया है। कई जालसाज एटीएम मशीन में स्कैनर लगाकर ग्राहकों के कार्ड का डेटा चुराकर उनके अकाउंट से पैसे चुरा लेते थे। हालांकि अब ऐसा करना संभव नहीं होगा।
इन बैंकों में लंबा इंतजार
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के एटीएम के लिए आपको 4 से 6 महीने रुकना पड़ सकता है। इसी तरह से बैंक आफ बड़ौदा में डेढ़ से दो महीने, यूनियन बैंक आफ इंडिया में भी लंबे वक्त से एटीएम की कमी ,बैंकआफ इंडिया,केनरा बैंक,इंडियन आवरसीज बैंक सहित अधिकांश बैंकों में समस्या चल रही है। पीएनबी बैंक में चिप वाले कार्ड न होने पर वह बिना चिप वाले कार्ड उपलब्ध करा रहे हैं। जिसमें एक मैग्नेटिक स्ट्राइप्स लगी होती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved