
नई दिल्ली । अमेरिकी वित्त मंत्री(US Treasury Secretary) स्कॉट बेसेंट(Scott Besant) ने चेतावनी दी है कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(President Donald Trump) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Vladimir Putin) की आज यानी शुक्रवार को होने वाली मुलाकात में ‘चीजें ठीक नहीं रहीं’ तो भारत पर शुल्क बढ़ सकते हैं। ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की घोषणा की। इसमें रूस से तेल की खरीद जारी रखने पर जुर्माने के तौर पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल हैं। यह अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा।
बेसेंट ने बुधवार को ‘ब्लूमबर्ग’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन से हर कोई निराश है। हमें उम्मीद थी कि वह ज्यादा खुलकर बातचीत करेंगे। ऐसा लग रहा है कि वह संवाद के लिए तैयार हो सकते हैं। और हमने रूसी तेल खरीदने के लिए भारतीयों पर द्वितीयक (अतिरिक्त) शुल्क लगा दिया है। मुझे लगता है कि अगर चीजें ठीक नहीं रहीं, तो अतिरिक्त शुल्क बढ़ सकते हैं।’
वित्त मंत्री ने रूस से कच्चे तेल के मुख्य खरीदार चीन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ट्रंप अपने लिए लाभ की स्थिति बनाने में सर्वश्रेष्ठ हैं और वह राष्ट्रपति पुतिन के सामने यह स्पष्ट कर देंगे कि सभी विकल्प खुले हुए हैं। अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति 15 अगस्त को अलास्का में बैठक करने वाले हैं। इस दौरान रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने पर मुख्य रूप से बातचीत होने वाली है।
बेसेंट ने रूस पर लगे प्रतिबंधों में बढ़ोतरी या कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘प्रतिबंध बढ़ाए जा सकते हैं, उन्हें कम किया जा सकता है। उनकी एक निश्चित अवधि हो सकती है। वे अनिश्चित काल तक जारी रह सकते हैं। आप जानते हैं, दुनिया भर में रूसी जहाजों का एक छद्म बेड़ा है, जिस पर मुझे लगता है कि हम कार्रवाई कर सकते हैं।’
इसके साथ ही अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि भले ही ट्रंप की पुतिन से मुलाकात होने वाली है, लेकिन यूरोपीय देशों को ‘साथ आने’ और ये अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ट्रंप यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यूरोपीय देशों के साथ आने और और ज्यादा ताकत बनाने में मदद की जरूरत है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी शुल्क पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। मंत्रालय ने कहा, ‘किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।’
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