
नई दिल्ली। अक्तूबर, 2023 में वैध कौशल खेल पर नई जीएसटी व्यवस्था (GST System) लागू होने के साथ ही भारत (India) में अवैध विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफार्मों (Illegal Offshore Betting Platforms) में तेजी से वृद्धि हुई है। पंजीकृत घरेलू संचालक जीएसटी और टीडीएस जैसे कानूनों (Law) का पालन तो करते हैं, जबकि विदेशी संस्थाएं कर के दायरे से बाहर काम करती हैं। ये कंपनियां ग्राहकों को बिना जीएसटी बिना टैक्स (Tax) के गेम खेलने का लालच देती हैं।
आंकड़े बताते हैं कि अक्तूबर-दिसंबर 2024 के बीच चार प्रमुख ऑफशोर ऑपरेटरों (पारिमैच, स्टेक, 1 एक्सबेट, बैटरी बेट) पर 1.63 अरब विजिट हुआ। इनमें अकेले पारिमैच पर 1.2 अरब विजिट हुआ। इसमें एपीके डाउनलोड, वीपीएन उपयोग और मिरर साइट्स शामिल नहीं हैं, जिससे पता चलता है कि वास्तविक आंकड़ा और भी बड़ा है। अवैध सट्टेबाजी ऐप्स (डैफाबेट, 1 एक्सबेट, परिमैच, 4 राबेट, खेलो 24 बेट) के लिए गूगल सर्च ट्रेंड्स में अक्तूबर, 2023 के बाद तेज वृद्धि हुई है। यह 2024 के आईपीएल सीजन के आसपास चरम पर पहुंच गया, जो आक्रामक ग्राहक अधिग्रहण का संकेत देता है।
अनुमानों के अनुसार भारत में अवैध जुए से जमा राशि प्रतिवर्ष 100 अरब डॉलर से अधिक है। यह सालाना 30% की दर से बढ़ रही है। 28% जीएसटी दर पर इसका अर्थ है कि प्रति वर्ष 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के संभावित टैक्स का घाटा सरकार को हो रहा है। आरबीआई के मुताबिक, 2,500 करोड़ रुपये की रकम प्रति माह बोगस खातों के जरिये भेजी जा रही है।
एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया की 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी सट्टेबाजी और जुए के विज्ञापनों के 3,081 मामले सामने आए, जो उसके पहले के वर्ष की तुलना में 24% की वृद्धि दर्शाता है। प्लेटफार्मों का सक्रिय रूप से प्रचार करने वाले 318 इन्फ्लूएंसर को चिह्नित किया गया।
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने 658 ऑफशोर संस्थाओं को अपंजीकृत या गैर अनुपालन वाली संस्थाओं के रूप में पहचाना है। सरकार ने कुछ समय पहले राज्यसभा में बताया था कि नए जीएसटी कानून के तहत अब तक कोई भी विदेशी जुआ कंपनी पंजीकृत नहीं है। प्रहार के सर्वे के मुताबिक, हैदराबाद में 2,761 लोगों में से 87% ने माना कि वे रोजाना विदेशी सट्टेबाजी/ कैसीनो प्लेटफॉर्म पर खेलते हैं। 89% ने कहा, वीपीएन, टेलीग्राम लिंक, एपीके या एजेंटों का उपयोग करके उन तक पहुंचना उनके लिए काफी आसान है। प्रतिबंध ने घरेलू कौशल गेमिंग पर अंकुश लगाया है, लेकिन विदेशी सट्टेबाजी संचालकों को और रफ्तार दे दी है।
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