
-भारत के विकास दर अनुमान वित्त वर्ष 2022-23 के लिए घटाया
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine war) के बीच चल रहे युद्ध का असर देश की अर्थव्यवस्था (country’s economy) पर साफ पड़ता दिख रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) और विश्व बैंक (World Bank) के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (International Monetary Fund-IMF) ने भी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने जनवरी, 2022 में 9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था।
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक में चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृ्द्धि दर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने जनवरी 2022 में अपने पूर्वानुमान में 0.8 फीसदी की कटौती की है, जो 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इसी तरह आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था पहले के 7.1 फीसदी की बजाय 6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने एक बयान में कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से तेल की ऊंची कीमतों ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। हालांकि, आईएमएफ ने दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत की जीडीपी ग्रोथ सबसे ज्यादा रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ के मुताबिक भारत इस मामले में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, जापान, ब्रिटेन, कनाडा, चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ देगा, जबकि रूस का जीडीपी ग्रोथ अनुमान निगेटिव श्रेणी में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले विश्व बैंक ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 8 फीसदी कर चुका है। वहीं, आरबीआई ने भी वित्त वर्ष 2022-23 में देश की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। (एजेंसी, हि.स.)
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