
डेस्क: गोवा में समुद्र तटों पर मौजूद दुकानों को अब दूसरे व्यंजनों के साथ मछली करी-चावल भी परोसना होगा. राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे के मुताबिक दुकानदारों को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों के साथ मछली करी-चावल अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि मछली करी-चावल राज्य का मुख्य भोजन है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को इस खाने का जरूर परोसना चाहिए.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य के व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये कदम उठाया जा रहा है. इसके तहत तीखे, चटपटे और मसाले वाले, नारियल डालकर तैयार किए जाने वाले इस व्यंजन को यहां के मेन्यू में शामिल किया गया है, जो राज्य की नई शैक नीति का हिस्सा है.
‘मछली करी- चावल’ बेचना अनिवार्य
मंत्री रोहन खौंटे ने बताया कि अभी तक समुद्र के किनारे मौजूद दुकानों में ज्यादातर उत्तर भारतीय भोजन मिलता था. इन दुकानों में राज्य के व्यंजन नहीं मिलते थे. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब दुकानों में गोवा के इस भोजन को अनिवार्य कर दिया गया है. इससे गोवा आने वाले पर्यटक राज्य के मशहूर व्यंजनों से रूबरू होंगे. उन्होंने बताया कि ‘शैक नीति’ के तहत तटों पर अवैध रेहड़ी और पटरी लगाने जैसी परेशानियों की समस्या से निजात मिल सकेगी.
दुकानदारों को देनी होगी कर्मचारियों की जानकारी
उन्होंने कहा कि शैक नीति को हाल ही में कैबिनेट से पारित किया गया है, नई नीति के मुताबिक अब सभी दुकानदारों को अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की विभाग को देनी होगी. उन्होंने कहा कि जो भी समुद्र किनारे अवैध काम करेगा या किसी भी अवैध गतिविधी में शामिल होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता पर ध्यान देना उद्देश्य
इसके अलावा उन्होंने बताया कि दुकानदारों के साथ विभाग पूरा सहयोग कर रहा है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य मात्रा से ज्यादा अच्छी गुणवत्ता पर ध्यान देना है. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा प्रयास करना होगा. जिसके लिए सभी का मिलकर एक साथ काम करना जरूरी है.
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