
डेस्क: फ्रांस में 7 जुलाई को हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था. पहले चरण के नतीजों के बाद राइट विंग पार्टी नेशनल रैली को रोकने के लिए, मैक्रों की पार्टी और लेफ्ट NFP अलायंस ने गठबंधन किया था. लेफ्ट को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं जिसके चलते उन्होंने अपने पीएम फेस के नाम का ऐलान कर दिया. लेकिन इस ऐलान के कुछ देर बाद ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि अगस्त तक हमें अपना पूरा ध्यान देश में होने वाले ओलंपिक खेलों पर देना चाहिए. साथ ही कहा कि ओलंपिक खेलों के बाद सदन के गठन के लिए सभी पार्टियों को एक व्यापक गठबंधन बनाना चाहिए. मैक्रों ने कहा कि ओलंपिक खेलों के बाद मेरी जिम्मेदारी होगी कि मैं देश के लिए प्रधानमंत्री का चयन करुं और उन्हें सरकार बनाने की जिम्मेदारी दूं. मैक्रों ने ये भी कहा कि वे उस नेता को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी देंगे जिसके पास सबसे ज्यादा सांसदों का समर्थन होगा.
देश में अगला पीएम चेहरा लेफ्ट पार्टियों के गठबंधन से ही हो सकता है. 7 जुलाई को हुए चुनाव में वामपंथी NFP गठबंधन सबसे ज्यादा 193 सीट लेकर आया था, जबकि मैक्रों के सेंट्रिस्ट पार्टी को 164 और राइट विंग पार्टी नेशनल रैली (RN) और उसके सहयोगियों को 143 सीटें मिलीं थी. हाल ही में NFP ने मैक्रों के सामने प्रधानमंत्री के लिए 37 साल की लुसी कास्टेट्स का नाम पेश किया था. जिस पर मैक्रों ने ओलंपिक खेलों का हावाले देते हुए इनकार कर दिया.
लेफ्ट अलायंस पिछले दो हफ्तों से प्रधानमंत्री के नाम के लिए चर्चा कर रहे थे. जिसके बाद उन्होंने लुसी का नाम रखा था. 37 साल की लुसी एक अर्थशास्त्री और वरिष्ठ सिविल सेवक हैं. वे पेरिस सिटी सरकार के लिए काम कर चुकी हैं. लेफ्ट गठबंधन ने उन्हें जमीनी नेता और पब्लिक सर्विस की रक्षा करने वाला बताया है. लुसी का नाम रखते हुए लेफ्ट नेताओं ने जोर दिया कि 64 साल की रिटायरमेंट पॉलिसी के विरोध प्रदर्शनों में लुसी सक्रिय रूप से शामिल थीं. रिटायरमेंट की उम्र 64 साल निर्धारित करने पर 2023 में फ्रांस में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. NFP का मानने है कि वे राष्ट्रपति पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं.
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