
इंदौर। परिचित बनकर साइबर ठग (Cyber thugs) पिछले कई सालों से लोगों को ठगी का शिकार (victim of fraud) बनाते आ रहे हैं। यह सिलसिला इस साल भी जारी है। इस साल 11 माह (11 months) में 200 लोग शिकार हुए हैं और लाखों रुपए गंवा चुके हैं।
साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके निकालते रहते हैं। कुछ ऐसे तरीके हैं, जो पिछले कई सालों से उनके लिए कारगर साबित हो रहे हैं। इनमें से एक तरीका है परिचित बनकर लोगों को जाल में फंसाना। कभी वे फोन कर कहते हैं कि वे कहीं मुश्किल में फंस गए हैं, उनका यूपीआई काम नहीं कर रहा है। इस बहाने पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं। कई बार वे लोगों को रिश्तेदार बताते हंै और कहते हैं कि तुम्हारे पिता को पैसे देना थे, वह मैंने उनको भेज दिए हैं, लेकिन गलती से ज्यादा चले गए हैं। इसका फर्जी स्क्रीन शॉट डालकर बाकी पैसे वापस डालने का कहते हैं। लोग उनकी बातों में आ जाते हैं और बिना जांच के पैसे ट्रांसफर कर ठगी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए साइबर पाठशाला लगा रही है, लेकिन इसके बाद भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इस साल के 11 माह की बात करें तो इंदौर में क्राइम ब्रांच के पास ऐसी 200 शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें परिचित बनाकर लोगों को लाखों की चपत लगाई है। इस हिसाब से देखें तो हर माह शहर में 18 लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।
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