
इंदौर। शहर की ऑटो रिक्शा जल्द ही शहर की सीमा से 60 किलोमीटर दूरी तक का सफर तय कर सकेंगे। अभी परिवहन नियमों के तहत ऑटो रिक्शा को नगरीय सीमा से सिर्फ 15 किलोमीटर तक जाने की ही अनुमति है। ऑटो रिक्शा चालकों की मांग पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कलेक्टर से चर्चा की है। वे इस विषय पर ऑटो रिक्शा चालकों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। रिक्शा चालकों की माने तो इंदौर से 60 किलोमीटर तक जाने की अनुमति मिलने का लाभ रिक्शा चालकों के साथ ही आम यात्रियों को भी मिलेगा और वह आसानी से अपने आसपास के सफर पूरे कर सकेंगे।
भगवा ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र त्रिपाठी नहीं बताया कि शहर में 1954 से ऑटो रिक्शा सवारियों को सफर की सुविधा दे रहे हैं। इस समय शहर में 40 हजार ऑटो रिक्शा मौजूद है। शहर के क्षेत्रफल के बढऩे के साथ ही आसपास के शहर और गांवों तक आवागमन भी बढ़ रहा है। साथ ही ऑटो रिक्शा की मांग भी बढ़ रही है। लेकिन अब भी ऑटो रिक्शा के परमिट उन्हें सीमित सीमा तक जाने की अनुमति दे रहे हैं। सीमा बढ़ाने के लिए रिक्शा चालक मंत्री विजयवर्गीय से मिले तो विजयवर्गीय ने कलेक्टर से चर्चा की तो उन्हें भी यह सुझाव अच्छा लगा है और वह इस पर विस्तृत चर्चा करने के लिए ऑटो रिक्शा चालकों को बुधवार दोपहर 3 बजे कलेक्टर कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया है।
यात्रियों को कम खर्च में मिलेगी सुविधा
त्रिपाठी ने बताया कि रिक्शा चालकों की मांग के अनुरूप अगर परीक्षा को शहरी सीमा से 60 किलोमीटर तक जाने की अनुमति मिलती है तो रिक्शा चालक उज्जैन, ओंकारेश्वर, धार, देवास, चापड़ा, पीथमपुर, देपालपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की सवारी भी ले जा सकेंगे। इससे इंदौर से जाकर वापस आने में यात्रियों को सुविधा होगी। अभी कई यात्री दूसरे शहरों से इंदौर आने के बाद उज्जैन दर्शन के लिए रिक्शा को ले जाते हैं। रिक्शा चालक 1300 से 1400 रुपए में तीन से चार सवारी को इंदौर से उज्जैन ले जाकर वहां के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन करवा कर वापस इंदौर छोड़ते हैं। यह यात्रियों के लिए बहुत ही सुविधाजनक होता है, क्योंकि बस से जाने पर उन्हें उज्जैन में घूमने के लिए अलग से गाडिय़ां करनी होती है या फिर इंदौर से कार बुक करने पर यह सफर बहुत महंगा होता है।
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