
अब इस बावड़ी पर वाटर फिल्टर प्लांट लगाएंगे, बावड़ी के पानी को पीने योग्य बनाएंगे
इन्दौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) डॉ मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) द्वारा आज कनाडिय़ा रोड पर 200 साल पुरानी अहिल्या बावड़ी (Ahilya Baoli) का लोकार्पण किया जाएगा। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा 90 ट्रक मलबा निकालकर इस बावड़ी को फिर से जिंदा किया गया है। बावड़ी में पानी की आवक बहुत अच्छी है। इसे देखते हुए अब प्राधिकरण आने वाले समय में इस बावड़ी पर वाटर फिल्टर प्लांट लगाने की योजना तैयार कर रहा है। इस प्लांट के माध्यम से बावड़ी के पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा।
प्राधिकरण की टीपीएस 5 योजना के क्षेत्र में कनाडिय़ा के पास यह बावड़ी मौजूद थी। जब प्राधिकरण के अधिकारी पहली बार इस बावड़ी के पास पहुंचे थे तो यह बावड़ी करीब करीब जमीन में धंसी हुई थी। बावड़ी में चारों तरफ मलबा भरा हुआ था। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि इस स्थिति में सबसे पहले तो इस बावड़ी के आसपास से कचरा हटाने का काम किया गया। फिर बावड़ी में भरा हुआ मलबा निकाला गया। इस बावड़ी में से 90 ट्रक मलबा निकला। इतना सारा मलबा निकालने के बाद में जाकर बावड़ी नजर आने लगी। फिर प्राधिकरण द्वारा इस पूरी बावड़ी का जीर्णोद्धार किया गया। अब यह बावड़ी जीवन्त हो गई है। इस बावड़ी में 16 लाख लीटर पानी की आवक है। बावड़ी में शंकरजी का एक पुरातन मंदिर भी निकला है। इस बावड़ी का निर्माण 200 साल पहले देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारा कराया गया था। अब आज यह बावड़ी अपने पुराने स्वरूप से भी ज्यादा बेहतर स्थिति में आ गई है। यह इंदौर का पहला ऐसा परंपरागत जलस्रोत का केंद्र है, जहां पर की काम करने के बाद उसे इतना बेहतर तरीके से पुनर्जीवित कर दिया गया है कि अब आने वाले समय में इस जलस्रोत के पानी का उपयोग किया जाएगा। प्राधिकरण के द्वारा इस बावड़ी पर जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाने की योजना तैयार की जा रही है। इस संयंत्र को लगाने के बाद बावड़ी के पानी को शुद्ध और पीने की योग्य बनाया जाएगा। प्राधिकरण की योजना है कि यह पानी क्षेत्र की आवश्यकता की पूर्ति में एक बड़ी मदद साबित हो।
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