
उज्जैन। चैत्र नवरात्रि का आज चौथा दिन है और एक दिन पहले शक्तिपीठ हरसिद्धि माता ने 32 वर्ष बाद चोला छोड़ा था जिसका कल शाम विधि-विधान के साथ विसर्जन किया गया और आज हरसिद्धि देवी भक्तों को मूल स्वरूप में दर्शन दे रही है। कल नवरात्रि का 5वां दिन है और नईपेठ स्थित गजलक्ष्मी मंदिर में श्रीपंचमी पर देवी का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा। चैत्र मास की प्रतिपदा से नवरात्रि पर्व का आरंभ हुआ है। पहले दिन से ही हरसिद्धि सहित विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कल हरसिद्धि देवी ने 32 साल बाद चोला छोड़ा था। गणगौर तीज पर देवी द्वारा चोला छोडऩे को ज्योतिषाचार्य और पंडित शुभ बता रहे हैं। कल दोपहर 3 बजे हरसिद्धि मंदिर प्रांगण से चोला विसर्जन यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। महाकाल मंदिर से रथ मंगाया गया और उसमें देवी के विसर्जित चोले को विराजित किया गया। यात्रा यहाँ से विभिन्न मार्गों से होती हुई रामघाट पहुँची जहाँ विधि विधान से माता के विसर्जित चोले की आरती की गई तथा उसके उपरांत विसर्जन किया गया। हरसिद्धि मंदिर के पुजारी ने बताया कि 32 साल पहले 1990 में देवी माँ ने चोला विसर्जित किया था। आज से नवरात्रि के शेष दिनों में देवी हरसिद्धि माँ के मूल स्वरूप में भक्तों को दर्शन होंगे। हरसिद्धि मंदिर के अलावा नगर कोट, सतीमाता, चौबीस खंबा देवी, सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
कल गजलक्ष्मी देवी का प्रकटोत्सव
नई पेठ स्थित प्राचीन श्री गजलक्ष्मी मंदिर के पुजारी पं. राजेश गुरु ने बताया कि कल श्री पंचमी के दिन गजलक्ष्मी माता प्रकट हुई थी। मंदिर में कल इस अवसर पर प्रकटोत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देवी गजलक्ष्मी की प्रतिमा स्फटिक की दुर्लभ प्रतिमा है जिसकी स्थापना राजा विक्रमादित्य ने राजलक्ष्मी के रूप में की थी। पूरे देश में देवी लक्ष्मी की यह एक मात्र प्रतिमा है जो सफेद ऐरावत हाथी पर सवार है। श्रीपंचमी के दिन देवी माँ प्रकट हुई थी। इस अवसर पर कल सुबह देवी माँ का अभिषेक पूजन कर सोलह श्रृंगार किया जाएगा। दोपहर में 1 बजे से लेकर 4 बजे तक हवन होगा तथा शाम को 6 बजे से लेकर 9 बजे तक भजन संध्या होगी।
कई जगह हो रही सायकल स्टेंड के नाम पर वसूली
गढ़कालिका सहित अन्य मंदिरों में पहुँचने वाले वाहन चालकों से अवैध रूप से वसूली की जा रही है और यातायात पुलिस के जवान भी कोई व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। हरसिद्धि मंदिर के आसपास भी लोगों ने कई अवैध वाहन स्टैंड शुरु कर लिए हैं और श्रद्धालुओं से वाहन खड़े करवाकर मनमानी अवैध वसूली की जा रही है।
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