img-fluid

‘मौजूदा स्थिति में हमें उनका मनोबल नहीं गिराना चाहिए’, महिला सैन्य अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट

May 09, 2025

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला सैन्य अधिकारियों को सेवा से मुक्त न करे, जिन्होंने उन्हें स्थायी कमीशन देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी है। न्यायालय ने कहा कि मौजूदा स्थिति में उनका मनोबल न गिराया जाए। मामले में जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 69 सैन्य अधिकारियों की तरफ से दायर याचिकाओं को अगस्त में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और कहा कि अगली सुनवाई तक उन्हें रिहा नहीं किया जाना चाहिए।

इस दौरान जस्टिस कांत ने कहा ‘मौजूदा स्थिति में, आइए उनका मनोबल न गिराएं। वे शानदार अधिकारी हैं, आप उनकी सेवाओं का उपयोग कहीं और कर सकते हैं। यह वह समय नहीं है जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में घूमने के लिए कहा जाए। उनके पास रहने और देश की सेवा करने के लिए बेहतर जगह है’। वहीं केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह सशस्त्र बलों को युवा बनाए रखने की नीति पर आधारित एक प्रशासनिक निर्णय था।


उन्होंने शीर्ष अदालत से उनकी रिहाई पर कोई रोक न लगाने का आग्रह किया और कहा कि भारतीय सेना को युवा अधिकारियों की जरूरत है और हर साल केवल 250 कर्मियों को स्थायी कमीशन दिया जाता है। कर्नल गीता शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कर्नल सोफिया कुरैशी के मामले का हवाला दिया, जो उन दो महिला अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने 7 और 8 मई को ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया को जानकारी दी थी। गुरुस्वामी ने कहा कि कर्नल कुरैशी को स्थायी कमीशन से संबंधित इसी तरह की राहत के लिए इस अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था और अब उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।

पीठ ने दलील पर ज्यादा टिप्पणी किए बिना कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष मामला पूरी तरह से कानूनी है, इसका अधिकारियों की उपलब्धियों से कोई लेना-देना नहीं है। 17 फरवरी, 2020 को शीर्ष अदालत ने कहा कि सेना में स्टाफ असाइनमेंट को छोड़कर सभी पदों से महिलाओं को पूरी तरह से बाहर रखा जाना अक्षम्य है और बिना किसी औचित्य के कमांड नियुक्तियों के लिए उन पर पूरी तरह से विचार न करना कानून में कायम नहीं रह सकता।

सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की अनुमति देने वाली शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को स्टाफ नियुक्तियों के अलावा कुछ भी प्राप्त करने पर पूर्ण प्रतिबंध स्पष्ट रूप से सेना में करियर में उन्नति के साधन के रूप में पीसी प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा नहीं करता है। शीर्ष अदालत ने महिला अधिकारियों की तरफ से हासिल की गई उपलब्धियों का भी उल्लेख किया और कर्नल कुरैशी की उपलब्धियों का उदाहरण दिया।

Share:

  • सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द, CM मोहन यादव बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि, सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें

    Fri May 9 , 2025
    भोपाल। देशभर में बढ़े सुरक्षा तनाव के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल (Bhopal) स्थित समत्व भवन (Samatva Bhavan) में प्रदेश की सुरक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक (High Level Meeting) ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च (National Security Supreme) प्राथमिकता है, और […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved