
भोपाल । उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल (Deputy Chief Minister Rajendra Shukla) ने कहा कि मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की नवीन संविदा नीति में (In the new contract policy of the National Health Mission) कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता दी गई है (Interests of the Employees have been given Priority) । राज्य के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का दावा है कि इस नीति में संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी ।
राज्य के उप मुख्यमंत्री शुक्ल का कहना है कि नीति निर्धारण संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए किया गया है। नवीन नीति से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्थायित्व आएगा और कर्मचारियों को बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा। इस नीति का लाभ 32 हजार संविदा कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से मिलेगा और उनके परिवारों सहित लगभग 1.5 लाख लोग इससे लाभान्वित होंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और सुचारू बनाने में सहायक होगा। उन्होंने समस्त संविदा कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी सेवाओं को समर्पण के साथ प्रदान करें, जिससे प्रदेश के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
बताया गया है कि एनएचएम की नवीन नीति के तहत संविदा कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की गई हैं। अब कर्मचारियों को हर वर्ष नवीनीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक पारदर्शी और समयबद्ध वार्षिक सेवा आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली लागू की गई है। कर्मचारियों की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निवारण के लिए एक अपीलीय अनुक्रम स्थापित किया गया है।
संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का अधिकार केवल मिशन संचालक एनएचएम के पास होगा और यह केवल प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने के बाद ही किया जा सकेगा। नीति में किए गए प्रावधानों के अनुसार, वेतन वृद्धि को भी एक सुव्यवस्थित ढांचे में लाया गया है, जिसके तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। नव नियुक्त गर्भवती महिलाओं को प्रसव के छह सप्ताह बाद (सातवें सप्ताह से) कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी जाएगी, जिससे वे मातृत्व के शुरुआती दिनों में समुचित देखभाल प्राप्त कर सकेंगी। इसी तरह, मातृत्व अवकाश और पितृत्व अवकाश के प्रावधान भी संविदा कर्मचारियों के लिए लागू किए गए हैं।
इस नीति में कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ जांच चल रही हो, तो उसे 50 प्रतिशत वेतन प्रदान किया जाएगा। स्थानांतरण प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। साथ ही, वेतन असमानता की समस्या को दूर करते हुए सभी संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन समानता सुनिश्चित की गई है।
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