
नई दिल्ली। सरकार ने 2023-24 के बजट में नई कर व्यवस्था को और आकर्षित बनाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने की घोषणा की है। इसके अलावा, नई व्यवस्था को आसान बनाने के साथ उस रूप में पेश करने की कोशिश की है, जिसमें आयकरदाताओं को कम दस्तावेज की जरूरत पड़े।
नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा सीधे तौर पर कोई अन्य छूट नहीं दी गई है। लेकिन, कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिनके जरिये पुरानी कर व्यवस्था की तरह इसमें भी कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
ईपीएफ में हिस्सेदारी
अगर आपका नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में आमतौर पर बेसिक वेतन के 12 फीसदी के बराबर योगदान करता है तो इस पर नई कर व्यवस्था में भी छूट मिलती है। इसके लिए जरूरी है कि नियोक्ता की ओर से आपको मिलने वाला सालाना सेवानिवृत्ति लाभ 7.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन
सरकार ने नई कर व्यवस्था को और आकर्षक बनाने के लिए 2023-24 के बजट में 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की घोषणा की है। यह लाभ सिर्फ वेतनभोगियों या पेंशनभोगियों को ही मिलता है। अपना कारोबार करने वालों के लिए यह लाभ नहीं है। फैमिली पेंशन पाने वाले आयकरदाता भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
किराये से कमाई पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
अगर आपने कोई संपत्ति किराये पर दे रखी है तो आप उसके सालाना मूल्य पर 30 फीसदी के हिसाब से स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ का दावा कर सकते हैं। संपत्ति के जरिये एक साल में मिले कुल किराये में से म्युनिसिपल कर घटा दें तो उसकी सालाना वैल्यू निकल आएगी। इस रकम के 30 फीसदी के बराबर स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
एनपीएस में नियोक्ता योगदान
नई कर व्यवस्था में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कोई छूट नहीं मिलती है। लेकिन, इसमें नियोक्ता के योगदान पर 80सीसीडी(2) के तहत छूट मिलती है। यह लाभ कर्मचारी के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते के अधिकतम 10 फीसदी तक के योगदान पर ही मिलता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए सीमा 14 फीसदी है।
जीवन बीमा की परिपक्वता राशि
जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता राशि पर भी कर लाभ उठा सकते हैं। 2023 के बजट में भी पारंपरिक गैर-यूलिप पॉलिसी पर भी एक सीमा लगाई गई है। इसके तहत, एक अप्रैल, 2023 के बाद खरीदी पॉलिसी का प्रीमियम 5 लाख से ज्यादा है तो परिपक्वता राशि पर कर देना होगा। लेकिन, पॉलिसीधारक के निधन के बाद नॉमिनी को मिलने वाली राशि करमुक्त होगी।
परिपक्वता राशि पर कोई कर नहीं
पुरानी कर व्यवस्था में पब्लिक प्रोविडेंट फंड या सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर कर लाभ मिलता है। नई व्यवस्था में यह सुविधा नहीं है। लेकिन, इन योजनाओं में किए गए निवेश के परिपक्व होने पर मिलने वाली राशि पर नई व्यवस्था में कोई कर नहीं चुकाना होगा।
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