
डेस्क। राज्यसभा की मनोनीत सदस्य सुधा मूर्ति ने गुरुवार को कहा कि हम तकनीकी उपलब्धियों की तो खूब सराहना करते हैं, लेकिन वहीं समाज की रोजमर्रा की समस्याओं का हल निकालने वाले असली नवाचार करने वालों को पहचान नहीं मिल पाती। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामाजिक नवाचार करने वाले लोग, जो आम लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए नए तरीके और समाधान खोजते हैं, उन्हें भी उतनी ही अहमियत और सम्मान मिलना चाहिए। उनका काम सीधे समाज की भलाई से जुड़ा होता है।
शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए मूर्ति ने कहा कि इडली ग्राइंडर जैसे नवाचारों ने जीवन को बदल दिया है, विशेष रूप से महिलाओं के जीवन को, फिर भी उनके आविष्कारकों को काफी हद तक भुला दिया गया है। आगे उन्होंने कहा, “जब आप कोई तकनीकी नवाचार करते हैं, तो आपकी उपलब्धियों के लिए आपका सम्मान किया जाता है, आपको पुरस्कार मिलता है, लोग ताली बजाते हैं, लेकिन जब अन्य उपलब्धियों की बात आती है, तो लोग परवाह नहीं करते।”

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