
इन्दौर। प्रधानमंत्री (Prime Minister) मातृ वंदना योजना (Mother’s worship scheme) 2.0 गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) और स्तनपान (Breastfeeding) कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने शुरू तो हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। आम जनता में जागरूकता की कमी और पहुंच न होने के कारण बड़ा अंतर नजर आ रहा है, जिसमें इंदौर के ग्रामीण क्षेत्र में 38.40 प्रतिशत महिलाओं को ही दूसरी डिलेवरी पर बच्ची पैदा होने का लाभ मिला है, वही 58.7 1 प्रतिशत महिलाओं को पहली डिलेवरी के बाद सहायता राशि मुहिया कराई जा सकी है। हालांकि शहरी क्षेत्र में यही आंकड़ा 100 प्रतिशत के भी पार निकल चुका है। इस योजना के तहत महिलाओं को 6 हजार रुपए की राशि तीन किस्तों में दी जाती है।
पात्र हितग्राहियों को सुविधा
मालूम हो कि योजना अब दूसरे जीवित जन्मे बच्चे को भी कवर करती है। खासकर जब दूसरा बच्चा लडक़ी हो। योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के लिए संशोधित की गई है। गर्भावस्था के कारण वेतन, मजदूरी या व्यवसाय हानि की मानसिक परेशानी से महिलाओं को बचाने के साथ-साथ इस योजना में बीपीएल परिवारों की महिलाएं भी पात्रता दी गई है। महिला आवेदक की आयु कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए। योजना को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है, वहीं नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य सुविधा पर जाकर भी ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को नकद प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ शिशु स्वास्थ्य पर भी विशेष नजर रखी जाती है।
यह है परियोजनावार आंकड़े
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक इंदौर जिले में प्रथम प्रसव पर 18922 महिलाओं को सहायता देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें शहरी क्षेत्र की सात परियोजनाओं को सबसे ज्यादा लक्ष्य दिया गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सांवेर, देपालपुर, महू , महू कैंट परियोजनाओं ने भी लक्ष्य से अधिक सफलता हासिल कर महिलाओं को लाभ दिलाया है पर इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा अभी पीछे है। इंदौर ग्रामीण क्षेत्र 1 में 47 प्रतिशत तो इंदौर ग्रामीण 2 में 58 प्रतिशत ही लक्षय हासिल हुआ है, वहीं दूसरे प्रसव में इंदौर ग्रामीण 1 व 2 में क्रमश: 63 प्रतिशत व 38.4 प्रतिशत ही लाभ दे पाए है। 100 प्रतिशत से अधिक काम करने वाली परियोजनाओं में देपालपुर एक इंदौर शहरी परियोजना क्रमांक 5 महू कैंट शामिल है। दूसरे प्रसव में भी देपालपुर ने महिलाओं को 120 प्रतिशत से अधिक का लाभ दिलाया है। इंदौर शहरी तीन नंबर परियोजना ने दूसरे प्रसव के लिए 149 प्रतिशत से अधिक का काम खत्म किया है। इंदौर शहरी परियोजना क्रमांक 5 और महू कैंट ने भी 100 प्रतिशत से अधिक लाभ का आंकड़ा पार कर लिया है।
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