
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जिसे देश में ‘टाइगर स्टेट’ (Tiger State) कहा जाता है, आज टाइगरों की मौत के कारण चर्चा में है. आंकड़ों की मानें तो देश में सबसे ज्यादा करीब 780 बाघ प्रदेश में हैं. लेकिन चिंता की बात ये है कि सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हो रही हैं. सिर्फ पिछले 8 महीनों में ही 36 बाघों की मौत हुई है.
बालाघाट और नर्मदापुरम में हाल ही में कई बाघों की मौत हुई. इनमें कुछ बाघ करंट लगने से मरे लेकिन गंभीर मामला ये है कि कई बाघों को शिकारियों ने मारकर उनके पंजे काट लिए. नर्मदापुरम से आई मृत बाघों की तस्वीरें देखने वालों को हिला देने वाली हैं.
मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख ने सभी टाइगर रिजर्व को पत्र भेजकर कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि इस मामले में सरकार उचित कदम उठाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं.
वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट का कहना है कि लगातार बाघों की मौत रोकने के लिए टाइगर टास्क फोर्स बनाने की जरूरत है. उनका मानना है कि ग्रामीणों की मदद से जंगलों में लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है. उन्होंने बताया कि बिना कर्मचारियों और अधिकारियों की मौजूदगी, शिकारी खुलेआम जंगल में घूम रहे हैं.
पूर्व वन विभाग अधिकारी और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट सुदेश बाघमारे बताते हैं कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा टाइगर्स होने की वजह से यहां शिकारी और तस्करों के गिरोह भी सक्रिय हैं. उनके अनुसार, सुरक्षा के लिए सिस्टम तो है, लेकिन उस सिस्टम की सही निगरानी जरूरी है.
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