
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आवास पर इंडिया गठबंधन दलों (india Alliance parties) की बैठक होनी है। सूत्रों के हवाले से बताया कि 7 अगस्त को डिनर पर विपक्षी नेता (Opposition Leader) मिलेंगे। इस बैठक की घोषणा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के इस दावे के एक दिन बाद आई कि 2024 के आम चुनाव में करीब 70-80 सीटों पर हेरफेर हुआ होगा। बिहार में एसआईआर, महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-अमेरिका व्यापार समझौता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ की धमकी जैसे मुद्दों पर बैठक में चर्चा हो सकती है।
संसद का मॉनसून सत्र शुरू के बाद INDIA गठबंधन की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले, 19 जुलाई को वर्चुअल मीटिंग हुई थी। इसमें 24 सदस्य शामिल हुए जिनमें एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार, राजद नेता तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे प्रमुख रहे। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि विपक्षी दलों ने मॉनसून सत्र के दौरान कई मुद्दे लगातार उठाए हैं, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर पहले ही दोनों सदनों में 16 घंटे की मैराथन चर्चा हो चुकी है।
SIR के खिलाफ विपक्षी दल
बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग हो रही है। कांग्रेस के सीनियर नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग राज्यों के चुनावी चरित्र और तरीके को बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन शक्तियों के दुरुपयोग का राजनीतिक और कानूनी रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए। पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि बिहार में मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया दिन-प्रतिदिन और भी ज्यादा विचित्र होती जा रही है।
चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक ओर बिहार में 65 लाख मतदाताओं के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है, तो दूसरी तरफ तमिलनाडु में 6.5 लाख लोगों को मतदाता के रूप में जोड़ने की खबरें चिंताजनक व स्पष्ट रूप से अवैध हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘उन्हें स्थायी रूप से प्रवासी कहना प्रवासी श्रमिकों का अपमान है। अपनी पसंद की सरकार चुनने के तमिलनाडु के मतदाताओं के अधिकार में घोर हस्तक्षेप है।’ चिदंबरम ने सवाल किया कि प्रवासी श्रमिक राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बिहार या अपने गृह राज्य क्यों नहीं आ सकते जैसा कि वे हमेशा करते थे। उन्होंने कहा, ‘क्या छठ पूजा के समय प्रवासी श्रमिक बिहार नहीं लौटते?’

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