
नई दिल्ली । टैरिफ(Tariff) को लेकर टेंशन(Tension) के बीच ही भारत(India) और अमेरिका (America)ने अलास्का में अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू(maneuvers begin) कर दिया है। इसके अलावा जल्द ही मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास की भी योजना बनाई जा रही है जिसमें सभी क्वॉड देश हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच अलास्का में एक से 14 सितंबर के बीच सैन्य अभ्यास हो रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस अभ्यास में भारत की ओर से मद्रास रेजिमेंट के जवान भागीदारी कर रहे हैं। युद्ध अभ्यास में तोपखाने, विमानन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का एकीकृत उपयोग शामिल है। रक्षा मामले के जानकारों का कहना है कि पिछले दो दशक में अमेरिका के साथ जो रक्षा संबंध मजबूत किए गए हैं, उसी के चलते यह युद्धाभ्यास हो रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।
एक अधिकारी ने कहा, दोनों देशों के बीच विश्वास को करारा झटका लगा है। हालांकि 99 जीई-एफ4040 टर्बोफैन इंजन और 716 मिलियन डॉलर के तेजस मार्क-1ए फाइटर की डिलीवरी दो साल के देरी से अब संभावित है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच 1 अरब डॉलर की 113 और जीई इंजन की डील साइन होने वाली है। पिछले साल भारत ने अमेरिका के ाथ 31 हथियारबंद MQ-9B प्रीडेटर, हाई ऐल्टीट्यूड, लॉन्ग एन्ड्योरेंस ड्रोन को लेकर भी डील की थी। अमेरिका के साथ यह डील 3.8 बिलियन डॉलर में की गई है। 2029 से 30 के बीच ये ड्रोन मिलने की संभावना है।
2007 से अब तक भारत और अमेरिका के बीच 25 अरब डॉलर का रक्षा सौदा हो चुका है। इसके बावजूद मौजूदा संबंधों और अमेरिका का रुख देखते हुए अब भारत को विकल्प की तलाश करने की जरूरत है। भारत अब अन्य देशों के सहयोग से देसी हथियार बनाने पर जोर दे रहा है। भारत ने देश में ही लड़ाकू विमानों के इंजन बनाने का भी काम शुरू कर दिया है। वहीं बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव के बावजूद भारत और चीन व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयास में लगे हैं।
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