
नई दिल्ली: भारत और भूटान (India and Bhutan) के बीच व्यापार, पर्यटन और लोगों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए केन्द्र सरकार (Central Government) ने दो अंतरराष्ट्रीय रेल प्रोजेक्ट (International rail projects) को मंजूरी दी है. इससे दोनों देशों के बीच के रिश्ते और मंजबूत होंगे और भारत-भूटान के बीच कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा.
इन प्रोजेक्ट के माध्यमों से पहली बार भारत और भूटान सीधी रेलवे लाइन के माध्यम से जुड़ेंगे. 4033 रुपये की लागत से बनने वाले इन रेलवे प्रोजेक्ट से ना केवल दोनों देशों के बीच दोस्ती बढ़ेगी, बल्कि व्यापारिक और पर्यटन को भी नई गति मिलेगी. केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि इन नए प्रोजेक्टों से सीमावर्ती क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी नई उड़ान मिलेगी. भूटान के जिले समत्से और गालेफू बड़े एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब हैं, यह दोनों जिले भारत और भूटान की लगभग 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं.
केन्द्र सरकार ने सोमवार को 4,033 करोड़ रुपये की लागत से भारत और भूटान के बीच दो बड़े रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. इन परियोजनाओं से अब दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और लोगों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी. इन प्रोजेक्ट के पूरा होने पर अब सीधे ट्रेन से भूटान जा सकेंगे। इससे पहले भारत के पश्चिम बंगाल स्थित हासीमारा तक ट्रेन की कनेक्टिवीटी थी. अब पहली बार दोनों देशों के बीच सीधी रेलवे लाइन होगी. भूटान सरकार द्वारा अपने शहर समत्से और गालेफू को आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. इन शहरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस शहर के रूप में विकसित कर रही है.
इसके अलावा इन प्रोजेक्टस से दोनों देशों के युवाओं के लिए परिवहन, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन में रोजगार खुलेंगे और सीमा सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी. दोनों देशों के बीच नई रेल लाइन परियोजना पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कहना है कि दोनों देशों के बीच साइन हुए द्विपक्षीय समझौते (MoU) में किसी तीसरे देश का किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं है. इस रेल लाइन से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और भरोसा और गहरा होगा.
सोमवार को केन्द्र सरकार द्वारा दो रेलवे लाइन को हरि झंड़ी दी गई है. जिनमें एक है कोकराझार (असम) से गालेफू (भूटान) तक रेल लाइन का निर्माण. इस रेलवे लाइन की कुल लंबाई 69 किलोमीटर रहेगी और इसके निर्माण में लगभग 3,456 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इस रेलवे लाइन को बनने में लगभग 4 साल का समय लग सकता है.
इस रेलवे लाइन से भारत के प्रमुख जिले कोकराझार और चिरांग (असम) जुड़ेंग और भूटान में यह लाइन सरपांग जिला (गालेफू) तक जाएगी. इस रेलवे लाइन पर कुल 6 स्टेशनो का निर्माण होगा. इसके अलावा इस लाइन पर 29 बड़े ब्रिज और 65 छोटे ब्रिजों का निर्माण किया जाएगा. वहीं 2 वायडक्ट और 2 गुड्स शेड का निर्माण भी किया जाएगा. इसके अलावा दूसरे प्रोजेक्ट पश्विमी बंगाल के बनरहाट से समत्से भूटान तक मंजूरी मिली है. इस प्रोजेक्ट की लंबाई लगभग 20 किलोमीटर होगी और इसे 577 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा.
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