
इस्लामाबाद। भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच मई के बाद से ही तनाव देखने को मिल रहा है. इस तनाव के बावजूद भारत अपनी इंसानियत दिखाने से पीछे नहीं हटा. भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) को बाढ़ की चेतावनी दी थी, ताकि वह अपने लोगों को तबाही से बचा सके. भारत के इस कदम को पाकिस्तान एक कूटनीतिक चाल (Diplomatic move.) के तौर पर इस्तेमाल करने में लगा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने माना है कि भारत ने उसे वॉर्निंग दे दी थी. लेकिन यह भी दावा किया भारत ने यह वॉर्निंग सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty- IWT) के तहत दी. जबकि पहलगाम हमले के बाद ही भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया था.
भारत की चेतावनी से बचे लोग
पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के मुताबिक बताया कि 24 अगस्त की सुबह भारत के उच्चायोग ने इस्लामाबाद को सतर्क किया कि जम्मू की तवी नदी में भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत से मिली इस चेतावनी के आधार पर तुरंत अलर्ट जारी किया. यह मई में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच पहली बड़ी बातचीत मानी जा रही है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने का ऐलान किया था.
पाकिस्तान चल रहा कूटनीतिक चाल
सिंधु जल संधि के तहत भारत से पाकिस्तान की सिंधु घाटी में बहने वाली नदियों के जल बंटवारे का नियंत्रण होता है. इस संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों- सतलुज, ब्यास और रावी के इस्तेमाल का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का उपयोग करता है. तीन युद्धों और कई राजनयिक संकटों के बावजूद यह संधि कायम रही है, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने इसे निलंबित रखा है और पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. पाकिस्तान अब भारत की ओर से मिली चेतावनी को सिंधु जल संधि के तहत बता रहा है. ऐसा करके वह दिखाना चाहता है कि यह संधि फिर से लागू हो चुकी है.
पाकिस्तान में बाढ़ से हालात खराब
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मूसलाधार बारिश देखी जा रही है. आगामी 48 घंटों तक इसके जारी रहने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखी जा सकती है. खतरे को देखते हुए पिछले 24 घंटों में लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. वहीं छह सप्ताह में 120 लोग मारे जा चुके हैं. पंजाब आपातकालीन बचाव सेवा 1122 के प्रवक्ता फारूक अहमद ने एक बयान में बताया, ‘कसूर, ओकारा, पाकपट्टन, बहावलनगर और वेहारी के कई गांवों के जलमग्न होने की वजह से वहां से लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों से शनिवार से अब तक लगभग 20,000 लोगों को निकाला गया है, वे सिंधु, चिनाब, रावी, सतलुज और झेलम नदियों के निकट हैं।
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