img-fluid

भारत में अवैध रूप से जुटाए सबूत भी हैं स्वीकार्य, शिक्षक भर्ती मामले पर ऐसा क्यों बोल गए CJI संजीव खन्ना

February 11, 2025

नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती मामले(west bengal teacher recruitment case) में सोमवार को कहा कि जिन लोगों को ‘गलत तरीके(Wrong ways) से’ नौकरी(Job) मिली है, उन्हें ‘बाहर किया’ जा सकता है। इसी बयान के साथ सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल, 2024 के निर्णय के खिलाफ याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा, ‘दलीलें सुनी जा चुकी हैं। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’ पीठ उस समय नाराज हो गई जब कुछ अभ्यर्थियों की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दवे ने हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के कथित राजनीतिक पूर्वाग्रह का मुद्दा उठाया। जस्टिस गंगोपाध्याय ने (उच्च न्यायालय का हिस्सा रहते हुए) कथित भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।


दवे ने कहा कि यह तथ्य है कि उक्त जस्टिस (गंगोपाध्याय) ने कुछ राजनीतिक निर्णय लिया था। जब प्रधान न्यायाधीश ने दवे को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ दलीलें देने से रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा, ‘यह न्यायपालिका के लिए अरुचिकर है।’ न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय बाद में राजनीति में शामिल हो गए।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘श्रीमान दवे। यह अस्वीकार्य है। हमने इस मामले में निष्पक्षता से कार्यवाही शुरू की है।’ न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘हम राजनीतिक चर्चा में नहीं, बल्कि सबूतों में जा रहे हैं…भारत में कानून यह है कि अवैध रूप से एकत्र किए गए सबूत भी स्वीकार्य हैं।’

पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध 124 याचिकाओं पर सुनवाई की जिनमें एक पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका है। दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करते हुए मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, अभिषेक सिंघवी, दुष्यंत दवे, पीएस पटवालिया, राकेश द्विवेदी, मनिंदर सिंह, श्याम दीवान, प्रशांत भूषण, मीनाक्षी अरोड़ा और करुणा नंदी समेत वरिष्ठ वकीलों ने मामले में बहस की।

प्रधान न्यायाधीश ने इस मामले की जांच करने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल कर्मचारी चयन समिति के वकीलों से उन व्यक्तियों का आंकड़ा मांगा जिन्हें गलत तरीके से नियुक्ति मिली है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथों में ली थी।

उच्च न्यायालय ने ओएमआर शीट में छेड़छाड़ और ‘रैंक-जंपिंग’ जैसी अनियमितताओं का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। पिछले साल सात मई को शीर्ष अदालत ने राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई नियुक्तियों पर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले में अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी थी।

यह मामला पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा आयोजित 2016 की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं पर आधारित है, जिसमें 24,640 पदों के लिए 23 लाख अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे और कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे।

Share:

  • महाराष्ट्र : राज ठाकरे और शिवसेना यूबीटी के नेताओं से मिले सीएम देवेंद्र फडणवीस, सियासी पारा चढ़ा

    Tue Feb 11 , 2025
    मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी तापमान (political temperature) बढ़ गया है. मुख्यमंत्री (CM ) देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सोमवार को अलग-अलग बैठकों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) और शिवसेना (Shiv Sena) (यूबीटी) के नेताओं से मुलाकात की. पहली बैठक दादर में राज ठाकरे के आवास ‘शिवतीर्थ’ पर हुई, जो […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved