
नई दिल्ली । भारत(india) द्वारा सिंधु जल (indus water)समझौते को स्थगित (suspended)करने के बाद पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है। पाकिस्तान(pakistan) ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए भारत से गुहार(plea) भी लगाई है। हालांकि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से अब आतंकवाद और PoK पर ही बात हो सकती है। भारत ने यह भी कह दिया है कि खून और अपनी एक साथ नहीं बह सकते। इस बीच संकट की घड़ी में पाकिस्तान को सहारा देने के लिए एक बार फिर चीन सामने आया है। चीन पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में निर्माणधीन एक बांध के काम में तेजी लाने की योजना बना रहा है।
मील का पत्थर…
शनिवार को चीन की एक सरकारी एजेंसी ने बताया कि बांध पर कंक्रीट भरने का काम शुरू हो गया है। एजेंसी ने बताया कि यह पाकिस्तान की इस परियोजना के निर्माण के लिए एक मील का पत्थर है। आधिकारिक तौर पर यह प्रक्रिया सितंबर 2019 में शुरू हुई थी और इसे अगले साल पूरा किया जाना था।
पाक को क्या-क्या मिलेगा?
बता दें मोहमंद बांध खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और जल आपूर्ति जैसे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक मल्टीपरपज फैसिलिटी के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। अनुमानित रूप से इससे 800 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने और खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी और सबसे बड़े शहर पेशावर को प्रतिदिन 300 मिलियन गैलन पीने का पानी आपूर्ति करने के लिए तैयार किया जाएगा।
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