
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में (Under the leadership of Prime Minister Narendra Modi) भारत कैशलेस क्रांति को अपना रहा है (India is adopting Cashless Revolution) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसी विश्वस्तरीय डिजिटल पहलों के साथ कैशलेस क्रांति को अपना रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पिछले 11 वर्षों में भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक शानदार यात्रा का अनुभव किया।” एक दूसरी पोस्ट में कहा गया, “भारत कैशलेस क्रांति को अपना रहा है। प्रतिदिन 70,000 करोड़ रुपए से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन और एक दिन में 59.6 करोड़ लेनदेन के साथ डिजिटल पेमेंट्स अब मानक बन गए हैं।” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने आगे कहा कि आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने से लेकर कारोबारी आत्मविश्वास को बढ़ाने तक, यह रियल और विजिबल चेंज का एक दशक रहा है।
भारत आज न केवल सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है, बल्कि क्लाइमेट एक्शन और डिजिटल इनोवेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक प्रमुख वैश्विक भागीदार भी है। यूपीआई ने इस वर्ष मई में 18.68 बिलियन ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड कर मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो अप्रैल में 17.89 बिलियन थे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ट्रांजैक्शन पिछले वर्ष इसी महीने 14.03 बिलियन ट्रांजैक्शन की तुलना में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है।
पिछले महीने मूल्य के हिसाब से यूपीआई ट्रांजैक्शन बढ़कर 25.14 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो अप्रैल में 23.95 लाख करोड़ रुपए से 5 प्रतिशत अधिक है। यह पिछले वर्ष मई में 20.45 लाख करोड़ रुपए से लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। मई में एवरेज डेली ट्रांजैक्शन की मात्रा 602 मिलियन रही, जबकि एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 81,106 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
यूपीआई ने भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में अपना प्रभुत्व मजबूत किया है और कुल ट्रांजैक्शन की मात्रा में इसकी हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष के 79.7 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 83.7 प्रतिशत हो गई है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई ने 2024-25 के दौरान 185.8 बिलियन ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान की, जो सालाना 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। मूल्य के संदर्भ में, यूपीआई ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 24 में 200 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गया।
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