
नई दिल्ली । सिंधु जल समझौता(Indus Water Treaty) स्थगित (Adjourned)करने के बाद भारत ने पाकिस्तान(India beat Pakistan) को एक और झटका देने की तैयारी(Preparing to strike a blow) की है। खबर है कि भारत वर्ल्ड बैंक और एक्सपर्ट मिशेल लीनो को बैठकों में शामिल नहीं होने के अपने फैसले के बारे में ‘जानकारी’ देने वाला है। कहा जा रहा है कि भारत लीनो से आगामी बैठकों को होल्ड या स्थगित करने के लिए कह सकता है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि संधि के स्थगित होने के कारण सरकार लीनो के दफ्तर को आगामी बैठकों पर रोक लगाने के लिए कह सकती है। खास बात है कि परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में लीनो का दफ्तर नवंबर में विएना में बैठक करने जा रहा था। खास बात है कि PCA ही पाकिस्तान की तरफ से किशनगंगा और रतले बांध को लेकर उठाए गए विवाद का निपटारा कर रहा है।
मामले के एक जानकार ने बताया, ‘चूंकि संधि स्थगित हो चुकी है, तो संधि के तहत न्यूट्रल एक्सपर्ट विवाद के समाधान में शामिल नहीं होंगे।’ भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल समझौता स्थगित करने का ऐलान किया था।
बांध
पाकिस्तान ने पहली बार साल 2006 में झेलम नदी पर बनाए गए भारत के 330 मेगावाट किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद चिनाब नदी पर 850 मेगावाट के रतले प्रोजेक्ट की योजना पर सवाल उठाए थे। गुरेज में 330 मेगावाट के किशनगंगा प्रोजेक्ट और चिनाब घाटी में तैयार हो रहे 850 मेगावाट के रतले बांध के मामले में कुल 7 मामलों में मतभेद हैं।
सिंधु जल संधि
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर अप्रैल में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए थे। सरकार ने भारतीय उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या घटाकर 55 से 30 करने, पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देने समेत कई कदम उठाए थे।
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