
नई दिल्ली। भारत (India) और ओमान (Oman ) के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता ( Comprehensive Economic Partnership Agreement) जल्द ही हस्ताक्षरित (Signed) होने वाला है। दोनों देश अपने व्यापार को ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़ाकर नए उत्पादों और सेवाओं तक ले जाने की तैयारी में हैं। यह जानकारी ओमान के भारत में राजदूत ईसा सालेह अब्दुल्ला सालेह अलशिबानी (Eisa Saleh Abdullah Saleh Alshibani) ने दी। ओमानी राजदूत ने दिए साक्षात्कार में बताया कि समझौते से जुड़ी वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं और अब केवल कानूनी व प्रशासनिक प्रक्रियाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द इस समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।’
भारत और ओमान के बीच सीईपीए को लेकर बातचीत नवंबर 2023 में शुरू हुई थी। इस समझौते में दोनों देश अधिकतम उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को कम या खत्म करते हैं, जिससे आयात-निर्यात को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही, सेवा क्षेत्र में व्यापार को आसान बनाया जाता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नियमों को सरल किया जाता है।
ओमान के राजदूत के अनुसार, इस समझौते का मुख्य उद्देश्य व्यापार को ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़ाना है। फिलहाल भारत, ओमान से जिन प्रमुख वस्तुओं का आयात करता है। इसमें पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया- कुल आयात का 70% से ज्याद, प्रोपलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन, लोहा और इस्पात शामिल हैं। राजदूत अलशिबानी ने कहा, ‘ओमान से भारत के लिए मुख्य निर्यात तेल और पेट्रोकेमिकल पर आधारित है। यह व्यापार तेल और पेट्रोकेमिकल की कीमतों पर निर्भर करता है। इसी वजह से यह सोच बनी कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नए उत्पादों और सेवाओं तक फैलाया जाए।’
ओमान, खाड़ी सहयोग परिषद देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत ने पहले ही यूएई के साथ मई 2022 में ऐसा ही सीईपीए समझौता किया था। 2024-25 में भारत और ओमान का द्विपक्षीय व्यापार 10.61 अरब डॉलर (लगभग 88 हजार करोड़ रुपये) तक पहुंच गया।
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