नई दिल्ली (New Delhi)। संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Combos) ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ‘‘कार्यप्रणाली में बड़े सुधार’’ की भारत की मांग बिल्कुल सही है क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को वैश्विक फैसले लेने से दूर रखा जाता है।
आपको बता दें कि कई वर्षों से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करने वालों में भारत अग्रणी है। राजदूत ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता पाने का हकदार है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महज 5 स्थायी सदस्य ही होने को लेकर भारत ने एक बार फिर से सवाल खड़ा किया है। सोमवार को UNSC की एक डिबेट में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अहम सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आखिर 5 देश जिस चार्टर को तैयार करते हैं, उसे कैसे दुनिया भर के देश मान सकते हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 5 देश ही स्थायी सदस्य हैं। ये देश एक-दूसरे को ऐसी ताकत देते हैं कि बाकी दुनिया के 188 देशों की राय को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि तब से आज तक 77 साल बीते चुके हैं, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर ही रखा गया है। रुचिरा कंबोज ने कहा कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की स्थिति तो यह है कि पूरे महाद्वीप से ही किसी को भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आज मौजूद चुनौतियों से निपटना संभव नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह भी यही है कि सभी को भागीदारी नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि भारत अकसर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन की मांग करता रहा है। अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन भी किया है।
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