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शहबाज सरकार को भारत ने सुनाई खरी-खोट, कहा- PoK में अशांति पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का नतीजा

October 04, 2025

नई दिल्‍ली । पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में शहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif government) की दमनकारी नीति के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आवामी ऐक्शन कमेटी (Awami Action Committee) ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। पीओके में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर भारत ने शहबाज सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भारत (India) ने साफ किया है कि ये प्रदर्शन पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का नतीजा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हमने पीओके में विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्ट देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ”पीओके में पाकिस्तान की कार्रवाई उसके दमनकारी रवैये और इन क्षेत्रों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है।” वहीं, प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को उसके भयानक मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।


इस बीच, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीआके) में भीषण अशांति के बाद बातचीत फिर से शुरू हुई। एक उच्च-स्तरीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने एक नागरिक समाज गठबंधन के साथ बातचीत की। प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सेना के हाथों कई दिनों तक चली हिंसक झड़पों में कम से कम 10 लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक आठ सदस्यीय समिति भेजी है, जिसमें संघीय मंत्री अहसान इकबाल, अमीर मुकाम, सरदार मुहम्मद यूसुफ, राणा सनाउल्लाह और डॉ. तारिक फजल चौधरी के साथ-साथ पीपीपी नेता राजा परवेज अशरफ और कमर जमां कैरा और पीओजेके के पूर्व अध्यक्ष सरदार मसूद खान शामिल हैं। उनके साथ पीओजेके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक भी थे।

इससे पहले, मुजफ्फराबाद में पुलिस गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग खुर्शीद फुटबॉल स्टेडियम और पीओजेके के लाला चौक पर इकट्ठा हुए थे। शोक मनाने वालों को संबोधित करते हुए, जेकेजेएसी के मीर ने भीड़ को नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया और संकल्प लिया कि प्रमुख मांगों के स्वीकार होने तक संघर्ष जारी रहेगा। इनमें 12 शरणार्थी सीटों को समाप्त करना, अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों को वापस लेना, पीओके में बिजली परियोजनाओं पर समझौतों के संबंध में जून 2019 के उच्च न्यायालय के फैसले को लागू करना और स्वास्थ्य कार्ड का प्रावधान शामिल हैं।

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