img-fluid

भारत, यूएस, श्रीलंका ने शुरू किया आपदा राहत और मानवीय सहायता का सबसे बड़ा अभ्यास

September 09, 2025

नई दिल्ली. 8 सितंबर 2025 को श्रीलंका (Sri Lanka) के कटुनायके एयर बेस (Katunayake Air Base) पर पैसिफिक एंजल (Pacific Angel) 25 नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास शुरू हुआ. यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा अभ्यास है, जिसमें भारत, अमेरिका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जापान और मालदीव शामिल हैं. यह अभ्यास आपदा राहत और मानवीय सहायता को बेहतर बनाने के लिए है.

पैसिफिक एंजल 25: क्या है यह अभ्यास?
पैसिफिक एंजल 25 एक पांच दिवसीय (8-12 सितंबर 2025) अभ्यास है, जो श्रीलंका के कटुनायके एयर बेस पर हो रहा है. इसमें 90 अमेरिकी और 120 श्रीलंकाई वायुसेना कर्मी, साथ ही भारत, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जापान और मालदीव के सैनिक और पर्यवेक्षक शामिल हैं. इसका उद्देश्य आपदा के समय तेज और प्रभावी राहत कार्य करना, जैसे खोज और बचाव, चिकित्सा सहायता, हवाई सुरक्षा और इंजीनियरिंग सहयोग.


अमेरिकी रक्षा अताशे लेफ्टिनेंट कर्नल मैथ्यू हाउस ने कहा कि पैसिफिक एंजल सिर्फ एक अभ्यास नहीं है; यह हमारे सहयोगियों के साथ वास्तविक सहयोग बनाने का मौका है. साथ मिलकर ट्रेनिंग से हम भरोसा बढ़ाते हैं. आपदा में तेजी से जवाब दे सकते हैं. आज हम जो बनाते हैं, वह कल की साझा सुरक्षा की नींव है.

श्रीलंका की वायुसेना ने इस अभ्यास की मेजबानी की, जो इस साल का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास है. अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने कहा कि पैसिफिक एंजल 25 श्रीलंका में इस साल का सबसे बड़ा अभ्यास है. हम ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भारत, जापान, मालदीव, श्रीलंका और अमेरिका के सैनिकों का स्वागत करते हैं. यह अभ्यास दिखाता है कि हम आपदा और मानवीय संकटों में एक साथ कैसे काम करते हैं.

पैसिफिक एंजल का इतिहास
पैसिफिक एंजल 2007 में शुरू हुआ और अब अपने 18वें साल में है. यह अमेरिकी पैसिफिक एयर फोर्सेस और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (USINDOPACOM) द्वारा आयोजित होता है. 2007 में इसने किरिबाती, नाउरू और वानुअतु में सहायता प्रदान की थी.

तब से यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता और आपदा राहत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. यह मेजबान देशों की जरूरतों के आधार पर आयोजित होता है. इसका मकसद प्राकृतिक आपदाओं में तेजी से जवाब देना है.

क्यों जरूरी है यह अभ्यास?
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भूकंप, सुनामी और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं आम हैं. पैसिफिक एंजल 25 जैसे अभ्यास देशों को एक साथ काम करने, संसाधनों को साझा करने और आपदा में तेजी से मदद पहुंचाने की क्षमता बढ़ाते हैं. यह न सिर्फ मानवीय सहायता के लिए है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी जरूरी है.

भारत और श्रीलंका का सहयोग
भारत और श्रीलंका की साझेदारी इस अभ्यास में महत्वपूर्ण है. भारत पहले भी श्रीलंका के साथ आपदा राहत और सैन्य सहयोग में काम कर चुका है. यह अभ्यास दोनों देशों के बीच भरोसा और तालमेल को और मजबूत करता है. भारत की भागीदारी क्षेत्रीय सुरक्षा और मानवीय सहायता में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है.

Share:

  • ऑस्ट्रेलियाई सांसद ने भारत विरोध में ऐसा क्या कहा कि मचा बवाल! पीएम अल्बानीज बोले- माफी मांगो

    Tue Sep 9 , 2025
    नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया (Australia) की एक सीनेटर (Senator) ने भारत (India) विरोधी टिप्पणी की है जिसे लेकर देश के प्रधानमंत्री (PM) एंथनी अल्बानीज (Anthony Albanese)  ने नाराजगी जताई है. आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने मंगलवार को कहा कि दक्षिणपंथी विपक्षी सांसद जसिंटा नम्पिजिनपा प्राइस को अपनी भारत विरोधी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved