
डेस्क: भारत (India) अपने रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार कदम उठा रहा है. इसके तहत रक्षा क्षेत्र को और मजबूत बनाया जा रहा है. इसी के तहत अब भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है. मिशन सुदर्शन चक्र (Mission Sudarshan Chakra) के तहत देश को चारों ओर से सुरक्षा कवच देने की तैयारी तेज हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए DRDO 2026 से बैलिस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइलों (Interceptor Missiles) का परीक्षण शुरू करेगा, जो दुश्मन के विमान, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही ध्वस्त कर देगा. डीआरडीओ ने इस महत्वाकांक्षी योजना को प्रोजेक्ट कुशा नाम दिया है. इसके तहत तीन नई LR-SAM इंटरसेप्टर मिसाइलें विकसित की जा रही हैं, जो M-1, M-2 और M-3 हैं.
डीआरडीओ का टारगेट है कि इन तीनों मिसाइलों को 2028 तक तैयार कर लिया जाए और 2030 तक भारतीय सेना को सौंप दिया जाए. ये मिसाइलें रूस से खरीदे गए S-400 डिफेंस सिस्टम जैसी होंगी, लेकिन पूरी तरह भारत में निर्मित होंगी. इससे न केवल लागत घटेगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा. यह मिसाइल रक्षा कवच अमेरिका के गोल्डन डोम और इजरायल के आयरन डोम जैसा ही होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया है कि 2035 तक देश के अहम ठिकानों को इस सुरक्षा कवच से सुरक्षित कर दिया जाएगा.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved