
नई दिल्ली: जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि भारत ऊंची वृद्धि के रास्ते पर लौटने को तैयार है. उन्होंने भरोसा जताया कि देश 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पनगड़िया ने कहा कि मौजूदा समय में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि बस और पांच साल की बात है, 2023 तो चल ही रहा है. 2027-28 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.
बजट में कितना जताया गया अनुमान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया, जिसमें कहा गया है कि 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी. पनगड़िया ने कहा कि इकोनॉमिक सर्वे से जो बात निकल कर सामने आई है, उससे कहीं ज्यादा मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में पता चलता है, जो उस अर्थव्यवस्था से और मजबूत होगी, जो आज 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है.
पनगड़िया ने कहा कि आज भारत जिस स्थिति में है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सात फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर तक पहुंच जाएगा. अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि भारत आज जिस जगह खड़ा है, वह 2003 के समान है जब वृद्धि दर आठ फीसदी के निकट पहुंच गई थी और फिर देश ने कई सालों तक उसी दर से ग्रोथ जारी रखी थी.
सुधारों से मिलेगा फायदा: पनगड़िया
पनगड़िया ने कहा कि ऊंची ग्रोथ को लेकर उनके अनुमान का आधार वे सुधार हैं, जो कोविड-19 महामारी के दौरान किए गए और साथ ही अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को दूर किया गया. उन्होंने कहा कि बैंकों और कॉरपोरेट जगत के बहीखाते अब काफी मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि भारत आने वाले कई सालों तक निश्चित ही सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा.
पनगड़िया ने अनुमान जताया कि भारत इन सालों में करीब सात फीसदी की वृद्धि दर निश्चित तौर पर हासिल करेगा और अगर अर्थव्यवस्था को और खोलने के लिए कदम उठाए जाते हैं, तो आठ फीसदी की वृद्धि दर आसानी से हासिल हो सकेगी.
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