
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा कि राष्ट्रीय हित और लोगों के हितों से (On National interest and the interests of the People) भारत कोई समझौता नहीं करेगा (India will not Compromise) । राजनाथ सिंह ने अमेरिकी टैरिफ पर विवाद के बीच कहा कि कोई भी देश परमानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। सिर्फ परमानेंट इंटरेस्ट होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में ट्रेड वॉर जैसे हालात हैं। विकसित देश तेजी से संरक्षणवादी हो रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार का मानना है कि आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से ही हम अपनी सामरिक स्वायत्तता को मज़बूत रख सकते हैं। यही दृष्टिकोण हमें सुरक्षित रखेगा और विश्व की उभरती शक्तियों में अग्रणी स्थान दिलाएगा।हम अपने देश के वेलफेयर से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते। चाहे कितना भी दबाव हो, भारत अपने किसानों, छोटे व्यवसायियों, दुकानदारों, पशुपालकों और आम नागरिकों के हितों को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देगा।
राजनाथ सिंह ने कहा हमारे आत्मनिर्भरता के प्रयासों ने आयात पर निर्भरता घटाने के साथ-साथ स्वदेशीकरण की प्रतिबद्धता को और मज़बूत किया है। भारत अब केवल खरीदार नहीं, बल्कि निर्यातक के रूप में भी उभर रहा है।आज रक्षा क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को सशक्त और सुरक्षित रखने वाला प्रमुख स्तंभ बन चुका है। यह केवल सीमाओं की रक्षा ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था के संरक्षण की भी जिम्मेदारी निभा रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने अपनी रक्षा क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन देखा। स्वदेशी उपकरणों के साथ हमारी सेनाओं ने जिस सटीकता और दक्षता से अपने लक्ष्यों को हासिल किया, उसने यह साबित कर दिया कि दूरदृष्टि, सतत तैयारी और मजबूत समन्वय से हर मिशन को सफल बनाया जा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो गया है। ट्रम्प प्रशासन ने 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद पर जुर्माने के तौर पर इस टैरिफ का ऐलान किया था। वहीं, व्यापार घाटे का हवाला देकर 7 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया था। अब अमेरिका निर्यात होने वाले भारतीय सामानों पर कुल टैरिफ 50% तक हो जाएगा। भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीददार है। पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।
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