
नई दिल्ली: पहलगाम हमले में सीधे तौर से शामिल होने और भारत (India) के खिलाफ आतंक (Terror) फैलाने के चलते पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) से भारतीय सेना ने पूरी तरह अपने संबंध खत्म (End of Relationship) कर दिए हैं. यही वजह है कि इस साल अक्टूबर में होने जा रही यूनाइटेड नेशन (United Nation) ट्रूप कॉन्ट्रिब्यूटर चीफ कॉन्क्लेव में भारत ने पाकिस्तान सेना को निमंत्रण नहीं भेजा है. सूत्रों के मुताबिक, चीन (China) की पीएलए-आर्मी को भी न्योता नहीं भेजा जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र से जुड़े इस सम्मेलन में भारतीय सेना उन देशों की सेनाओं के प्रमुखों को आमंत्रित करने जा रही है, जो यूएन पीसकीपिंग मिशन में अपने सैनिकों को भेजते हैं. इस समय दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र के कुल 11 मिशन चल रहे हैं. इन मिशन में करीब 120 देशों की सेनाओं की भागीदारी है. भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान के सबसे ज्यादा सैनिक इस वक्त यूएन पीसकीपिंग मिशन में तैनात हैं.
पहली बार भारतीय सेना इस तरह के यूएन कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रही है. लेकिन पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को इस बेहद खास सम्मेलन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. क्योंकि असीम मुनीर के इशारे पर ही पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने अपने फ्रंट, टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फोर्स) से पहलगाम नरसंहार कराया था.
संयुक्त राष्ट्र के 11 में से 09 मिशन में इस वक्त भारतीय सेना के करीब पांच हजार (5000) सैनिक तैनात हैं. गृह-युद्ध से ग्रस्त सूडान और कांगो से लेकर इजराइल-सीरिया-लेबनान के बीच विवादित गोलान हाइट्स में भारतीय सेना तैनात है. इन मिशन में कई बार भारत और पाकिस्तान के सैनिक साथ-साथ तैनात होते हैं. लेकिन पहलगाम हमले में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के शामिल होने और जम्मू कश्मीर में आतंकियों के जरिए प्रोक्सी वॉर छेड़ने के बाद भारतीय सेना के सब्र का बांध टूट गया है. भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना से पूरी तरह संबंध तोड़ने का इरादा कर लिया है. यही वजह है कि पाकिस्तान को यूएन चीफ कॉन्क्लेव के लिए निमंत्रण नहीं भेजा है.
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