
काठमांडू। भारत और नेपाल (India and Nepal) के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने वाली एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। नेपाली कैबिनेट (Nepali Cabinet) ने सोमवार को हुई बैठक में 200 रुपये और 500 रुपये के भारतीय नोटों (Indian Notes 200-500 Rupees) पर लगे लंबे समय के प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियमों में किए गए संशोधन के बाद लिया गया है। सरकार के प्रवक्ता एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जगदीश खरेल ने बताया कि अब इन नोटों का आयात-निर्यात दोनों देशों के बीच अनुमत होगा, हालांकि प्रति व्यक्ति अधिकतम सीमा बरकरार रहेगी।
इस दौरान खरेल ने स्पष्ट किया कि नेपाली या भारतीय नागरिकों के लिए भारत से नेपाल में प्रति व्यक्ति 25000 रुपये लाने और नेपाल से भारत में इतनी ही राशि वापस ले जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बड़े भारतीय नोटों पर प्रतिबंध हटाने के बाद 9 नवंबर 2016 के बाद जारी किए गए नोटों को प्रचलन में लाया जा सकता है। भारत ने 2016 में बड़े नोटों की विमुद्रीकरण किया था, जिसके बाद नेपाल में ऐसे नोटों के आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने नेपाल को बड़े भारतीय नोटों के आयात-निर्यात की अनुमति देने की व्यवस्था की थी। भारत द्वारा प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के बाद नेपाल सरकार ने भी अपना प्रतिबंध हटा लिया। आरबीआई ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन विनियम, 2015 में संशोधन करके नेपाल और भारत के बीच बड़े भारतीय नोटों के आयात-निर्यात की अनुमति प्रदान की थी। अब नेपाल सरकार ने दोनों देशों के बीच खुली सीमा और भारत पर नेपाल की व्यापारिक निर्भरता को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध हटा लिया है।
बता दें कि भारत द्वारा 2016 में नोटबंदी के बाद नेपाल में बड़े भारतीय नोटों का विनिमय नहीं किया गया। परिणामस्वरूप, नेपाल ने भी 100 रुपये से अधिक भारतीय नोटों के प्रचलन पर प्रतिबंध लगा दिया था। गौरतलब है कि नोटबंदी के समय नेपाल के बैंकिंग सिस्टम में लगभग 5 करोड़ रुपये मूल्य की भारतीय मुद्रा मौजूद थी, जिसका अभी तक विनिमय नहीं हो सका है।
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