
नई दिल्ली। भारत सरकार (Indian Goverment) के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) के साथ एक ऐतिहासिक करार किया है। इस करार के अंतर्गत भारतीय वायुसेना (Air Force) के लिए 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Light Combat Aircraft) तेजस Mk1A विमानों की खरीद की जाएगी। इस समझौते की कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) है। इसमें 68 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान, साथ ही संबंधित उपकरण और सपोर्ट सिस्टम शामिल हैं।
तेजस Mk1A की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक अहम हिस्सा है। HAL द्वारा निर्मित यह अत्याधुनिक स्वदेशी विमान न केवल भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को मजबूती देगा, बल्कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में देश को वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
तेजस Mk1A विमानों के शामिल होने से वायुसेना को तेज़, आधुनिक और भरोसेमंद लड़ाकू विमान मिलेंगे। इससे मौजूदा स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ को बढ़ावा मिलेगा और MiG-21 जैसे पुराने विमानों के चरणबद्ध हटने के बाद बनी कमी को पूरा किया जा सकेगा। इस करार से न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग और आपूर्ति शृंखला को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। HAL और इसके साथ काम करने वाली भारतीय कंपनियों को तकनीकी और आर्थिक रूप से बड़ा लाभ होगा।
फाइटर जेट को इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स जैसी उन्नत स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों का एकीकरण, आत्मनिर्भरता पहल को और मज़बूत करेगा। एलसीए एमके1ए स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित लड़ाकू विमान का सबसे उन्नत संस्करण है और यह भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में काम करेगा।
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