
इंदौर। भारत (India) ने अपना कार्बन न्यूट्रल कमिटमेंट (Carbon Neutral Commitment) 5 साल पहले ही पूरा कर लिया है। हमने तय किया था कि 2030 तक हम अपनी ऊर्जा का 50त्न नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों से लेंगे, जबकि यह लक्ष्य हम 2025 में ही प्राप्त कर चुके हैं। देश के सबसे बड़े कार्बन न्यूट्रल कॉन्क्लेव (Carbon Neutral Conclave) में मैं देख रहा हूं कि कंपनियां तेजी से ग्रीन और क्लीन एनर्जी की ओर आगे बढ़ रही हैं।
यह बात इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयरकंडीशनिंग इंजीनियर द्वारा शुरू हुए कूल कॉन्क्लेव 2.0 के दौरान भारत के राजदूत दीपक वोहरा ने कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका, रूस, भारत और चाइना में पर्यावरण संरक्षण में भारत सबसे आगे है। हमारी संस्कृति में भी पेड़ों, पहाड़ों और नदियों की पूजा की जाती है। हमारी सभ्यता ही ईको फ्रेंडली है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि क्लाइमेट एक्शन प्लान फॉर सिटी के तहत कार्बन एमिशन कम करने और सस्टेनेबिलिटी के लिए हुई कांफ्रेंस में तय किया गया कि देश के बाद अब शहर भी अपना क्लाइमेट एक्शन प्लान बनाएंगे, जबकि इंदौर यह पहले ही कर चुका है। एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के चेतन सोलंकी के साथ मिलकर हमने स्कूलों के साथ मिलकर शहर का बिजली बिल 10त्न कम करने के लिए पहल की और एक करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली बचाई। यह 12 लाख 40 हजार पेड़ बचाने के बराबर है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए इंदौर मॉडल सिटी है। यही वजह है कि भारत सरकार ने हमें जिम्मेदारी दी है कि हम अपने तरह के और शहर बनाने के लिए प्रयास करें और कूल कॉन्क्लेव के अमृत मंथन से निकलने वाले निष्कर्षों को शुरू करने के लिए इंदौर अग्रसर रहेगा।
जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य प्राप्त करने की ओर अग्रसर
आईपीएस विक्रमसिंह ने कहा कि जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से कार्बन निकलता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस तरह के कॉन्क्लेव से लोगों में जागरूकता आती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक हम जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे, जिससे भारत पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा। इसके लिए इंडस्ट्री और एक्सपर्ट को ही पहल करनी होगी और यह उसी दिशा में सार्थक कदम है।
2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाना है लक्ष्य
कूल कॉन्क्लेव चेयरपर्सन पंकज धारकर ने कहा कि बिल्डिंग इंजीनिरिंग इंडस्ट्री में 50 से 60त्न बिजली की खपत एयरकंडीशनिंग इंडस्ट्री के कारण होती है। इसलिए जब तक हमारी इंडस्ट्री कार्बन न्यूट्रल उपायों के बारे में नहीं सोचेगी, तब तक भारत के 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकती है। यह सिर्फ हमारे देश नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए है। इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष अंकुश झंवर ने कहा कि इस तीन दिवसीय कॉन्क्लेव में देशभर से 90 स्पीकर और 1500 से ज्यादा डेलीगेट्स शामिल हो रहे हैं। को-चेयरपर्सन निशांत गुप्ता ने कहा कि बिल्डिंग का प्लान ही ऐसे बनाएं कि बिजली की खपत कम हो।
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