
नई दिल्ली । भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Indian Army Chief General Upendra Dwivedi) ने जवाबी कार्रवाई के लिए (To retaliate) सेना के कमांडरों को पूरी छूट दे दी (Gave Complete Freedom to the Army Commanders) । पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद इसका उल्लंघन करने को लेकर भारतीय सेना ने स्थिति की समीक्षा की।
भारतीय सेना ने बताया कि शनिवार की रात को संघर्ष विराम और वायु क्षेत्र उल्लंघन की घटनाओं के बाद भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर तैनात सेना कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। थलसेना प्रमुख ने 10 मई को हुई डीजीएमओ वार्ता के तहत बनी सहमति के उल्लंघन होने की स्थिति में ‘काइनेटिक डोमेन’ यानी जवाबी कार्रवाई के लिए सेना के कमांडरों को पूरी छूट दे दी है। सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, पश्चिमी सीमा पर किसी भी तरह के उल्लंघन पर सेना तुरंत और प्रभावी जवाब देगी।
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है, जिसका सेना जवाब दे रही है। इसके साथ ही सेना को जवाबी कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई ‘अत्यंत निंदनीय है और इसकी पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।’
उल्लेखनीय है कि तीन दिनों तक चले संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हुआ था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि शनिवार शाम पांच बजे से सीजफायर लागू हो गया, लेकिन महज चार घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया और सीमा पार से गोलीबारी शुरू की। साथ ही कई शहरों को ड्रोन के जरिए निशाना बनाया।
इससे पहले भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को लेकर बड़ा फैसला लिया था। सरकार ने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि भविष्य में कोई भी आतंकी घटना भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी। केंद्र सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा था कि भारत ने निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी के अंदाज में जवाब भी दिया जाएगा।
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