
नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य प्रदर्शन के बाद अब सरकार सेना की ताकत को और भी ज्यादा बढ़ाने की तरफ देख रही है। सेना अब स्थानीय स्तर पर निर्मित माउंटे़ड गन सिस्टम (Mounted Gun System) के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए तैयार है, जो कि 85 सेकंड में फायर कर सकती है और इसके साथ ही तेजी से चल भी सकती है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक यह एक ऐसी क्षमता है, जो 30 टन के हथियार को तेजी से मूव करने औऱ काउंटर बैटरी फायर से बचने में सक्षम बनाती है।
सरकारी अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सेना ने डीआरडीओ के अहमदनगर स्थित वाहन अनुसंधान एवं विकास केंद्र को पत्र लिखकर विभिन्न इलाकों और मौसम के हिसाब से और अन्य परिस्थितियों में परीक्षणों करने के लिए माउंटेड गन सिस्टम उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि उनकी खासियत को जमीनी स्तर पर परखा जा सके।
क्या है एमजीएस की खासियत
भारत में निर्मित माउंटेड गन सिस्टम 155 मिमी गोले के साथ/52 कैलीबर का ट्रक से संबंधित हॉवित्जर है। जो कि एक मिनट के अंदर छह राउंड फायर कर सकता है। इसका एक फायर 45 किलोमीटर के अधिक की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भी भेद सकने में सक्षम है।
एमजीएस एक भारत में निर्मित टोड आर्टिलरी गन सिस्टम है। यह सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय की पहली पसंद मानी जा रही थी। इसकी उच्च क्षमता को देखते हुए और भारत की डिफेंस इंडस्ट्री की बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने भी मार्च में ही भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ 307 स्थानीय रूप से निर्मित एटीएजीएस के साथ-साथ तेजी के साथ चलने वाले वाले टोइंग वाहनों के लिए 6,900 करोड़ रुपये के दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
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