
Arriving TLS after a test flight.
नयी दिल्ली । भारतीय विमानन उद्योग (Indian Aviation Industry) अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भी घाटे में रहेगा और इंडिगो एयरलाइन (Indigo Airline) कोविड-19 महामारी से अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक मजबूत होकर उभरेगी। विमानन क्षेत्र की सलाहकार कंपनी कापा (सीएपीए) इंडिया की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
कापा इंडिया की 2021 की शीर्ष दस प्रवृत्तियों पर रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एयरलाइंस को अपने बिना परिचालन के खड़े बेड़े की लागत का बड़ा बोझ उठाना होगा। विशेषरूप उन विमानों पर जो पूर्व में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन कर रहे थे।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में एयरलाइन कंपनियों का राजस्व तो दबाव में रहेगा ही, चालू वित्त वर्ष की तुलना में उनकी लागत में भी उल्लेखनीय इजाफा होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में ब्रेंट कच्चा तेल औसतन 50 से 60 डॉलर प्रति बैरल रहेगा। इस दौरान डॉलर-रुपये की विनिमय दर 73 से 75 रहेगी। तेल कीमतें और विनिमय दर किसी एयरलाइन की परिचालन की लागत पर सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में एकीकरण तय है। ऐसे में निकट से मध्यम अवधि में ‘दो-तीन एयरलाइन की प्रणाली’ बन सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने मजबूत बही-खाते की वजह से इंडिगो कोविड-19 महामारी से अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक मजबूत होकर उभरेगी।
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