
डेस्क: भारत (India) की कई कंपनियां चीन (China) से रेयर अर्थ मैग्नेट्स (Rare Earth Magnets) खरीदना चाहती हैं, जिसके लिए उन्हें चीन के वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) से लाइसेंस (License) लेना जरूरी है. अब यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है, जबकि पहले 11 कंपनियां लाइसेंस का इंतजार कर रही थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों में बॉश इंडिया, मारेली पॉवरट्रेन इंडिया, माले इलेक्ट्रिक ड्राइव्स इंडिया, टीवीएस मोटर और यूनो मिंडा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं, जो इन खास मैग्नेट्स का इस्तेमाल अपने उत्पादों में करती हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जिन कंपनियों को लाइसेंस का इंतजार है उनमें बॉश इंडिया, टीवीएस मोटर, माले इलेक्ट्रिक ड्राइव्स इंडिया, मारेली पॉवरट्रेन इंडिया और यूनो मिंडा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. ये कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ऑटोमोबाइल और अन्य मशीनों में इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक उपकरणों के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उपयोग करती हैं.
संजय कपूर की कंपनी सोना कॉमस्टार ने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन दस्तावेजों में कमी के चलते उनका आवेदन खारिज हो गया था. अब कंपनी ने दोबारा आवेदन किया है और वह भी अब 21 कंपनियों में शामिल हो गई है जो चीन से इजाजत मिलने का इंतजार कर रही हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कंपनियों ने जरूरी दस्तावेज चीन में अपने सप्लायर्स को भेज दिए हैं, लेकिन उन्हें अब तक लाइसेंस नहीं मिला है. अगर जुलाई की शुरुआत तक अनुमति नहीं मिली, तो इन कंपनियों का स्टॉक खत्म हो सकता है और उत्पादन पर असर पड़ेगा.
चीन ने 4 अप्रैल 2024 को एक नया नियम लागू किया था, जिसके तहत मीडियम और हैवी रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात से पहले वाणिज्य मंत्रालय से लाइसेंस लेना अनिवार्य है. इसके अलावा, आयातक कंपनियों को एक सर्टिफिकेट भी देना होता है, जिसमें यह गारंटी दी जाती है कि इन मैग्नेट्स का इस्तेमाल हथियार या विनाशकारी तकनीकों में नहीं होगा.
भारत सरकार भी चीन के साथ बातचीत कर रही है ताकि कंपनियों को जल्द से जल्द लाइसेंस मिल सके, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. वहीं, यूरोप की कुछ कंपनियों को चीन ने अनुमति दे दी है, लेकिन भारत में मौजूद उनकी शाखाओं को अब तक इजाजत नहीं मिली है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, भारत की 52 कंपनियां चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट्स आयात करती हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 870 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स के आयात पर करीब ₹306 करोड़ खर्च किए.
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