
रीवा। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान (Pakistan) को घर में घुसकर मारने के बाद पड़ोसी मुल्क को एक बार फिर साफ चेतावनी दे दी गई है। थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Army Chief General Upendra Dwivedi) ने शुक्रवार को कहा कि यदि पाकिस्तान ने किसी ‘कायराना हरकत’ की कोशिश की तो भारत की सशस्त्र सेनाएं ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के लिए पूरी तरह तैयार हैं और कठोरता से जवाब दिया जाएगा। सेना प्रमुख ने यह बात रीवा सैनिक स्कूल दौरे के समय कही, जहां उन्होंने और वर्तमान नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कभी एक साथ पढ़ाई की थी।
सैनिक स्कूल रीवा और नेशनल डिफेंस अकैडमी में बैचमेट रह चुके द्विवेदी और त्रिपाठी शुक्रवार को एक विशेष समारोह में हिस्सा लेने के लिए अपने स्कूल में पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में जनरल द्विवेदी ने कहा,’ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। यदि उन्होंने कोई कायराना हरकत की, तो उन्होंने कठोर जवाब मिलेगा।’
सेना प्रमुख ने कहा कि रीवा की यात्रा से उनकी बचपन की यादें ताजा हो गईं। उन्होंने कहा,’विंध्य की धरती पर खड़ा होना मुझे भावुक कर देता है। यही वह जमीन है जिसने मुझे इस स्तर तक उठने और भारतीय सेना की अगुआई की मजबूती दी।’ उन्होंने छात्रों से अपने जुनून को आगे बढ़ाने और कड़ी मेहनत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘हमें इस सफर पर साथ मिलकर चलना होगा क्योंकि टीम वर्क ही सच्ची उपलब्धि दिलाता है यही मैंने विंध्य में सीखा है।’
एडमिरल त्रिपाठी के साथ अपनी दोस्ती के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम एनडीए में साथ थे और बाद में हाईयर कमांड कोर्स में भी। जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ तो मेरे प्रिय मित्र ने नेवी की कमान संभाली थी और मेरे कोर्समेट जिन्हें हम एयर चीफ सिंह कहते हैं,एयर फोर्स के मुखिया थे। जब हम तीनों साथ आए तो कोई भी हमारे खिलाफ कदम उठाने की हिम्मत नहीं कर सका।’उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और सही समय पर इसका अंत होगा।’
शनिवार को जनरल द्विवेदी सतना के सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल गए, जहां उन्होंने 1971–72 में चौथी क्लास में पढ़ाई की थी। वहां छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की एकता और संयम का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य था- संप्रभुता, अखंडता और शांति की रक्षा करना। पहली बार तीनों सेनाएं और पूरा देश एक ही नाम के तहत एकजुट हुआ -ऑपरेशन सिंदूर।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘जहां-जहां आतंकियों के ठिकाने थे, हमने उन्हें निशाना बनाया, लेकिन यह ध्यान रखा कि उस समय हमला न हो जब लोग नमाज अदा कर रहे हों। हमने सिर्फ उन जगहों को निशाना बनाया जहां आतंकी रहते थे।’
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