
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद (After Pahalgam Terror Attack) भारतीय सेनाओं को पूरी छूट दी गई थी (Indian Forces were given Free Hand) । सेनाएं हर स्थिति के लिए तैयार थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की राजधानी रबात में रामचरितमानस का हवाला देते हुए कहा कि हमने धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर कायराना हमले के बाद सेनाओं को पूरी छूट दी गई थी और भारतीय सेनाएं हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार थीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई सोच-समझकर और गैर-उकसाने वाली थी। उन्होंने पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बहुआयामी प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो 11वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंच गया है और जल्द ही शीर्ष तीन में शामिल होने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने भारत के डिजिटल परिवर्तन, ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में प्रगति और स्टार्टअप क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जहां 10 वर्ष पहले 18 यूनिकॉर्न थे, वहीं आज 118 हो चुके हैं। रक्षा उद्योग में भी ऐतिहासिक प्रगति हुई है, जो 1.5 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन कर रहा है और 100 से अधिक देशों को 23,000 करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा उत्पाद निर्यात कर चुका है।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय चरित्र की शक्ति को पूरी दुनिया में दर्शाता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म संसद के ऐतिहासिक संबोधन को याद किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में व्यक्ति का असली मूल्य उसके चरित्र से तय होता है। प्रवासी भारतीयों ने भी भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा पर गर्व व्यक्त किया, जो मजबूत आर्थिक आधार और सशक्त सैन्य क्षमता पर आधारित है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रविवार को मोरक्को के कासाब्लांका पहुंचे हैं। यह मोरक्को का दौरा करने वाले किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ऐतिहासिक यात्रा है। इस यात्रा को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और रक्षा एवं सामरिक सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
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