
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद इमरान मसूद (Congress MP Imran Masood) ने कहा कि भारत की विदेश नीति और कूटनीति (India’s Foreign Policy and Diplomacy) पूरी तरह विफल हो गई (Have completely Failed) । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है कि अमेरिकी कंपनियों को अब विदेशी कर्मचारियों के लिए एच-1बी वीजा हासिल करने के लिए सरकार को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।
इमरान मसूद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की तथाकथित दोस्ती के परिणाम पूरा देश भुगत रहा है, युवा भुगत रहे हैं और अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। जिन चीजों का हम पहले विरोध करते थे, आज हम उनके परिणाम भुगत रहे हैं। हमारी विदेश नीतियां और कूटनीति पूरी तरह विफल रही हैं। कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब युवा देख रहे हैं और देखते रहेंगे कि देश में क्या हो रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते पर उन्होंने कहा कि हमारी कूटनीति और विदेश नीति को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि हम उन लोगों के साथ खड़े हों, जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से हमारा समर्थन किया है। लेकिन हम उन लोगों के पीछे पड़ गए जो कभी हमारे सच्चे सहयोगी नहीं रहे। अब, कोई भी हमारे साथ नहीं खड़ा है। पाकिस्तान एक ऐसी स्थिति का सामना कर रहा है जहां दुनिया उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रही है, और हम भी इससे अलग नहीं हैं। हमें ईरान और फिलिस्तीन के साथ खड़ा होना चाहिए था, लेकिन हम ऐसा करने में विफल रहे। ये हमारी विदेश नीति और कूटनीति की स्पष्ट विफलताएं हैं।
मसूद ने भाजपा नेता सुब्रत पाठक की हालिया टिप्पणी पर कहा कि ये लोग जोड़ने की बजाए बांटते हैं। ये अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए नफरत फैलाते हैं, जबकि देश के युवा तकलीफ झेल रहे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था इसकी कीमत चुका रही है। तमिलनाडु राज्यपाल द्वारा राज्य की शिक्षा नीति को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, “इनका एजेंडा नफरत का है। कहीं धर्म तो कहीं क्षेत्र-जाति के नाम पर, वह तोड़ने की बात करते हैं, जोड़ने की बात नहीं करते। आप राज्यपाल हैं। कमी है तो सरकार को बताएं।”
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