
नई दिल्ली। भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर बिक्री और उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच जनवरी में दो साल से अधिक समय में सबसे धीमी गति से बढ़ी। बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स दिसंबर में 59.3 से गिरकर जनवरी में 56.5 पर आ गया- जो नवंबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है।
क्रय प्रबंधक सूचकांक की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है। एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत के सेवा क्षेत्र ने जनवरी में वृद्धि की रफ्तार खो दी। हालांकि पीएमआई 50-ब्रेक-ईवन स्तर से काफी ऊपर रहा। व्यावसायिक गतिविधि और नए व्यवसाय पीएमआई सूचकांक क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।”
सर्वेक्षण के अनुसार अनुसार, पूर्णकालिक और अंशकालिक पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं। दिसंबर से रोजगार सृजन की दर में तेजी आई और यह दिसंबर 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे तेज दर रही। भारत में सेवा प्रदाताओं को आने वाले 12 महीनों में व्यावसायिक गतिविधि में वृद्धि का भरोसा है। इस भरोसे का कारण विज्ञापन, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के प्रयास और नए ग्राहक पूछताछ हैं।
वहीं, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक दिसंबर के 59.2 से गिरकर 14 महीने के निम्नतम स्तर 57.7 पर आ गया। समग्र पीएमआई सूचकांक विनिर्माण और सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। भार आधिकारिक जीडीपी डेटा के अनुसार विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार को दर्शाते हैं। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा लगभग 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के पैनल को भेजे गए प्रश्नावली के उत्तरों से संकलित किया जाता है।
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