
नई दिल्ली । कुछ साल पहले तक भारत (India)का जब भी जिक्र आता था, तो एक ऐसे देश(Country) के रूप में उसे पहचाना जाता था जो हथियारों के खरीद(purchase of weapons) में नंबर वन था. लेकिन स्वदेशी के कमाल से अब ये पहचान बदलती नजर आ रही है. भारत तेजी से खुद हथियार बनाने लगा है. नतीजा अब उसने दुनिया से हथियार खरीदने भी कम कर दिए हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है.
SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि हथियारों की खरीद के मामले में यूक्रेन पहली बार नंबर वन पर जाकर खड़ा हो गया है. यह माना भी जा सकता है क्योंकि यूक्रेन जंग लड़ रहा है और उसे कई देशों से हथियार मिल रहे हैं. लेकिन सबसे खास बात, भारत, जिसने पाकिस्तान और चीन जैसे दो परमाणु-सशस्त्र विरोधियों का सामना किया है, कई वर्षों तक दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा है. अब वैश्विक हथियार आयात में भारत का हिस्सा 9.8 प्रतिशत से घटकर 8.3 प्रतिशत हो गया है. यह बड़ी गिरावट है.
90 देशों को एक्सपोर्ट
एक और खास बात, भारत अब सिर्फ अमेरिका नहीं, बल्कि अपने खास दोस्त रूस से भी हथियारों की खरीद कम कर चुका है. 2010-2014 के बीच भारत जहां रूस से 72 फीसदी हथियार एक्सपोर्ट करता था अब यह आंकड़ा सिर्फ 36 फीसदी रह गया है. भारत खुद हथियार बना रहा है. इतना ही नहीं, वह 90 से अधिक देशों को एक्सपोर्ट भी कर रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का 21,083 करोड़ रुपये के हथियार एक्सपोर्ट किए जो इससे पहले के वर्ष की तुलना में 32.5% अधिक था.
सुरक्षा उपकरण: बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट.
इलेक्ट्रॉनिक सामान: विभिन्न सैन्य उपयोग के उपकरण.
बख्तरबंद वाहन: सैन्य अभियानों के लिए उपयुक्त.
हल्के टॉरपीडो: नौसेना उपयोग के लिए.
ड्रोन और तेज हमला करने वाले जहाज: विभिन्न सैन्य उद्देश्यों के लिए.
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