
नई दिल्ली: स्वदेशी हथियारों (Indigenous Weapons) का डंका अब विदेश में बजने जा रहा है. उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में टाटा कंपनी (Tata Company) का इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल (Infantry Combat Vehicle) का प्लांट तैयार हो गया है. रविवार (21 सितंबर, 2025) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) दो दिवसीय दौरे पर मोरक्को जा रहे हैं. इस दौरान राजनाथ सिंह, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Limited) के इस प्लांट का उद्घाटन भी करेंगे. ये भारत का किसी दूसरे देश में पहला हथियारों का प्लांट है.
राजनाथ सिंह, मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के आमंत्रण पर मोरक्को की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह भारतीय रक्षा मंत्री की उत्तरी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को रेखांकित करती है.
रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा का एक प्रमुख आकर्षण टीएएसएल का मोरक्को के बेरेचिड में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी यानी व्हैप) 8×8 के नए विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन होगा. यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति का परिचायक है.
सितंबर 2024 में मोरक्को के रक्षा मंत्रालय ने टीएएसएल से व्हैप बख्तरबंद गाड़ियों को बनाने का करार किया था. इस व्हैप व्हीकल को टाटा ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर तैयार किया है. करीब 26 टन की इन मिलिट्री व्हीकल में ड्राइवर और कमांडर सहित कुल 12 सैनिक बैठ सकते हैं. सीमावर्ती और दूरदराज के उबड़-खाबड़ इलाकों में सैनिक इन गाड़ियों में बेहद तेजी से मूवमेंट कर सकते हैं.
भारतीय सेना इन व्हैप गाड़ियों को पहले से ही चीन सीमा से सटे पूर्वी लद्दाख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सैनिकों के मूवमेंट के लिए इस्तेमाल करती है. इसके अलावा सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) भी जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ इन विशेष गाड़ियों का इस्तेमाल कर रही है. खास बात ये है कि व्हैप एक एम्फीबियस व्हीकल है, जो नदी-नालों को भी आसानी से पार कर सकती है. रेगिस्तान में भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. मोरक्को में इस्तेमाल होने के चलते इन व्हैप व्हीकल्स को अफ्रीका के रेगिस्तान में कड़े परीक्षणों से गुजरना पड़ा है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved