
नई दिल्ली। भारतीय मूल (Indian values) के 32 वर्षीय बलतेज सिंह को न्यूजीलैंड में एक बड़े ड्रग मामले में दोषी ठहराया गया है। यह जानकारी खुफिया सूत्रों ने दी है। बलतेज सिंह इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के हत्यारे सतवंत सिंह का भतीजा है। सतवंत सिंह के भतीजे बलतेज सिंह को 2023 में 700 किलो मेथ ड्रग्स रखने के आरोप में ऑकलैंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में उसे दोषी ठहराया गया है और 22 साल की सजा सुनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, ऑकलैंड हाईकोर्ट ने 21 फरवरी (शुक्रवार) को यह सजा सुनाई। हालांकि, पंजाब में बलतेज सिंह के रिश्तेदारों ने इसे ‘फर्जी खबर’ बताते हुए खारिज कर दिया और दावा किया कि इस घटनाक्रम के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑकलैंड पुलिस ने 2023 में मनुकाउ के एक गोदाम में छापा मारा था, जहां बीयर के कैन में छिपाकर मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) ड्रग्स रखी गई थी। हालांकि, बलतेज को किसी हत्या के मामले में दोषी नहीं ठहराया गया, लेकिन ड्रग सप्लाई का मास्टरमाइंड माना गया है। बलतेज की पहचान छिपाई गई है, लेकिन अदालत ने साफ किया कि वह दोषी है।
गोदाम में छापा 21 वर्षीय आइडेल सगला (Aidel Sagala) की मौत के बाद मारा गया था। जिसकी मौत कथित तौर पर बीयर के रूप में मेथामफेटामाइन पीने से हुई थी।। इस मामले में हिमतजीत जिमी सिंह कहलों को हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। उसने अदालत में बीयर में अवैध मेथामफेटामाइन ड्रग मिलाने से इनकार किया था और यह दावा किया था कि उसे एक व्यापारी दोस्त द्वारा धोखा दिया गया था।
खुफिया जानकारी से पता चलता है कि यह विश्वसनीय मित्र वास्तव में बलतेज सिंह था, जो मेथ इंपोर्टेशन नेटवर्क के पीछे का मास्टरमाइंड था।हालांकि, बलतेज लिंब को आइडेल सगला की मौत से संबंधित आरोपों का सामना नहीं करना पड़ा, फिर भी उसे मेथ सप्लाई का मास्टरमाइंड माना गया है। उसे कोर्ट ने 22 साल की सजा सुनाई है। इस दौरान उसे पैरोल नहीं मिलेगी जब तक कि वो कम से कम 10 साल की सजा नहीं काट लेता।
बलतेज सरवन सिंह अगवान का बेटा है। सरवन सिंह सतवंत सिंह का भाई है। सतवंत सिंह उन सिख अंगरक्षकों में से एक था, जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके आवास पर हत्या कर दी थी। बलतेज का परिवार 1980 के दशक में न्यूजीलैंड जाकर बस गया था और ऑकलैंड में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता था। स्थानीय गुरुद्वारों में बलतेज को सतवंत सिंह के भतीजे होने के कारण अक्सर सराहा जाता था। बलतेज आखिरी बार दिसंबर 2019 में भारत आया था और करीब ढाई महीने रहा था।
एक संयोग यह भी है कि खडूर साहिब के लोकसभा सांसद और कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह भी दोषी बलतेज सिंह के चाचा सुखविंदर सिंह अगवान के करीबी हैं। अमृतपाल सिंह वर्तमान में डिब्रूगढ़ में एनएसए के तहत जेल में बंद हैं। माना जाता है कि ड्रग्स मामले में दोषी बलतेज सिंह न्यूजीलैंड में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में भी शामिल था।
लेकिन ड्रग्स की तस्करी और मेथ (ड्रग) सप्लाई के कारण उसे जेल की सजा मिली है। बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या तब की गई थी जब उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले आतंकवादियों से अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने के लिए भारतीय सेना को तैनात करने का निर्णय लिया था, जिसे “ऑपरेशन ब्लू स्टार” के नाम से जाना जाता है।
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