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इंदौर : सीमेंट की सडक़ों पर शहर में 462 गड्ढे

July 22, 2025

  • अब निगम शुरू करेगा सीमेंट कांक्रीट से गड्ढे भरने का अभियान
  • दो एजेंसियों को एक करोड रुपए में दिया काम

इंदौर। शहर (Indore) में सीमेंट कांक्रीट की सडक़ों (cement roads) पर 462 गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों को भरने के लिए अब नगर निगम (Municipal council) द्वारा अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए दो एजेंसियों को एक करोड़ रुपए में काम दिया गया है।

इस समय पूरे शहर में सडक़ों की बदहाल स्थिति की गूंज हो रही है। बारिश के मौसम में सडक़ पर बने हुए पानी के नीचे सडक़ है या गड्ढा है, यह वाहन चालक को मालूम ही नहीं पड़ पाता है। ऐसे में वाहन दुर्घटना घटित हो जाती है। हमेशा नगर निगम द्वारा बारिश का मौसम शुरू होने से पहले सडक़ के गड्ढे भरने का अभियान चलाया जाता है। इस बार यह अभियान नहीं चलाया गया। इस बार वैसे भी पिछले सालों की तुलना में बहुत कम बारिश हुई है। ऐसी स्थिति में नगर निगम भी आराम से बैठ रहा। निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी सडक़ पर हुई गड्ढों की सुध लेने के लिए तैयार नहीं हुए। जब जनता की ओर से सडक़ के गड्ढों को लेकर हल्ला मचने लगा तो निगम की ओर से इन ग्ड्ढों को भरने के लिए ठेकेदार को काम करने की प्रक्रिया शुरू की गई।


नगर निगम द्वारा दो अलग-अलग ठेकेदार एजेंसी को एक करोड़ रुपए का काम सौंपा गया है। इन एजेंसियों से कहा गया है कि उन्हें सीमेंट कांक्रीट की सडक़ पर हो चुके गड्ढे सीमेंट कांक्रीट से ही भरना है। इसके साथ ही निगम द्वारा जोनल कार्यालय पर तैनात इंजीनियरों के माध्यम से सीमेंट कांक्रीट की सडक़ पर हो चुके गड्ढे की गणना करने का काम किया गया। यह गणना कल पूरी हो गई। जो रिपोर्ट नगर निगम के मुख्यालय में पहुंची है, उसके अनुसार शहर में सीमेंट की सडक़ों पर 462 के गड्ढे हो गए हैं। अब ठेकेदार एजेंसी के माध्यम से गड्ढे भरने का अभियान शुरू किया जाएगा।

गारंटी पीरियड को भूल गया निगम
सीमेंट कांक्रीट की सडक़ जब भी निगम के द्वारा बनाई जाती है तो सडक़ बनाने वाले ठेकेदार से सडक़ की गारंटी की अवधि ली जाती है। इस अवधि में यदि सडक़ पर ग्ड्ढा होता है या सडक़ डैमेज होती है तो उसे सडक़ को सही करना उस ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है। इस समय जो गड्ढों की गणना की गई उन गड्ढों को भरने का काम नई चयनित की गई ठेकेदार एजेंसी को सौंप दिया गया है। इसमें निगम द्वारा इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि कौन सी सडक़ गारंटी पीरियड वाली है और कौन सी सडक़ पुरानी हो चुकी है। इस समय तो निगम का ध्यान केवल तात्कालिक रूप से काम करने पर है।

ठेकेदार को होगा फायदा
नगर निगम द्वारा गड्ढे भरने का फैसला लिए जाने के कारण उन ठेकेदारों को फायदा हो जाएगा। जिनके द्वारा नगर निगम से ठेका लेकर सीमेंट की सडक़ बनाने का काम किया गया और घटिया क्वालिटी की सडक़ का निर्माण कर दिया गया, अब उन ठेकेदारों को अपनी सडक़ का मेंटेनेंस नहीं करना पड़ेगा। निगम द्वारा नए ठेकेदार से उस कार्य को करवा लिया जाएगा।

सबसे बड़ा गड्ढा 30 फीट का
निगम द्वारा कराई गई गड्ढों की गणना में शहर में सबसे बड़ा गड्ढा 30 फीट लंबा और 3.3 फीट चौड़ा विजयनगर चौराहे के समीप मिला है। इसके अतिरिक्त जिंसी हाट मैदान में 15 फीट लंबा और साढ़े चार फीट चौड़ा गड्ढा मिला है, जबकि निरंजनपुर में 12 फीट लंबा और 1 फीट चौड़ा गड्ढा मिला है।

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