
हौसलों की जीत… गलत हुआ तो आवाज उठाना जरूरी
सुधार के लिए महीनों लगाया बिजली दफ्तरों के चक्कर,उपभोक्ता फोरम में लगाया मामला, जीते
इंदौर। सरकारी विभाग (Government departments) गलती करता है और बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी सुधार नहीं करता है तो इसके लिए आवाज उठाने वालों में धन्नालाल (Dhannalal) ने मिशाल पेश की है। मात्र 699 रुपए के गलत बिजली बिल (electricity bill) में सुधार के लिए 72 वर्ष के धन्नालाल के हौसले और जज्बे को सलाम करना चाहिए। उम्र के इस पड़ाव पर उन्होंने हिम्मत रखी। जब बिजली विभाग ने उनकी नहीं सुनी तो दृढ़ विश्वास के साथ गलत के खिलाफ उपभोक्ता में फोरम केस लगाया और जीते भी।
परदेशीपुरा थाने के सामने छोटी सी 4 बाय 6 की गुमटी लगाकर गुजारा करने वाले धन्नालाल पावेचा की दुकान का बिजली बिल 200 से 250 रुपए प्रतिमाह आता है। इनकी दुकान में बिजली का स्मार्ट मीटर भी लगा हुआ है। धन्नालाल को 2023 अक्टूबर महीने का 699 रुपए का बिजली बिल प्राप्त हुआ तो उन्होंने बिल सुधार के लिए बिजली के झोन और पोलोग्राउंड मुख्यालय के खूब चक्कर लगाए, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। धन्नालाल ने भी हिम्मत नहीं हारी और गलत बिजली बिल सुधार नहीं होने पर उपभोक्ता फोरम में 9 जुलाई 2024 को एक परिवाद लगाया, जिसमें बिजली कंपनी के इंजीनियर और कंपनी को पक्षकार बनाया। फोरम की ओर से बार-बार नोटिस तामील के लिए बुलाया गया, लेकिन बड़ी फौज वकीलों की होने के बावजूद उनके पास इस केस में जवाब नहीं होने से अपनी उपस्थिति भी दर्ज नहीं कराई। 14 अक्टूबर 2025 को जिला उपभोक्ता फोरम विवाद प्रतितोषण आयोग क्रमांक 2 ने आदेश पारित करते हुए बिजली कंपनी को निर्देश दिया की उक्त मामले में धन्नालाल के अतिरिक्त राशि का बिल 699 रु. को समायोजित किया जाए और प्रकरण के दौरान जो मानसिक, आर्थिक और शारीरिक कष्ट पहुंचा है, इसके लिए बिजली कंपनी 5000 रु. धन्नालाल को देें।
परेशान भी किया… सीजन में बत्ती गुल की
धन्नालाल बताते हैं कि बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों ने उनकी बात नहीं सुनी, वहीं बिजली इंजीनियर ने नाराज होकर गत वर्ष अनंत चतुर्दशी के समय तीन-चार दिन इनकी बिजली भी गुल कर दी। धन्नालाल का कहना है कि इस दौरान सीजन रहता है, नुकसान हुआ, धंधा नहीं कर पाया।

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