
– सुबह महाकाल भस्मारती से शामिल हुए गायक जुबिन नौटियाल
– इंदौर एयरपोर्ट पर कल रात जुबिन से मिलने पहुंचे फैंस
इंदौर। संगीत (music) सात सुरों (seven notes) का खेल है, जिसमें हर सुर कहता वही है, लेकिन भाषा और अंदाज अलग होता है। मैं कुछ शास्त्रीय (Classical) और कुछ वेस्टर्न (Western) सीख पाया। दोनों को मिलाकर फ्यूजन बनता है। आज देश के कोने-कोने में मुझे हर उम्र के लोग सुनते हैं। कोई शास्त्रीय सुनता है, कोई वेस्टर्न, कुछ मेरे रीजनल पहाड़ी गीत सुनते हैं, तो कोई मेरे गाए भजन… ये तालिम ही है कि आज मैं इस काबिल हूं कि देशभर में मुझे सुनने वाले हैं और मेरे पास सबके लिए कुछ है।
एक महीने की छुट्टी मिली, तो जाऊंगा गांव :
जुबिन कहते हैं कि एक महीने के लिए अगर गायब हो जाऊं, तो आज मुंबई कहीं से भी ढूंढ निकालेगा, लेकिन अगर ऐसा वाकई हुआ, तो अपने गांव क्यारी जाना चाहूंगा। वो गांव बहुत सुंदर है, वहां के लोग सुंदर है और सादा जीवन जीते है। वहां का पानी मीठा है और सबसे खास की वहां के लोगों की मुस्कुराहट असली है।
बाबा महाकाल से गहरा रिश्ता :
गायक जुबिन नौटियाल का बाबा महाकाल से गहरा आध्यात्मिक जुड़ाव है। वे पहले भी बाबा के दर्शन कर चुके हैं। उनके लिए महाकाल दर्शन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति, शक्ति और मार्गदर्शन का अनुभव है। महाकाल बाबा की भस्म आरती में शामिल होने के बाद जुबिन सीधे भोपाल के लिए रवाना हो गए।
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