
आज बोर्ड बैठक में तीन नई टीपीएस योजनाओं पर बनेगी सहमति, मंगल मैरीलैंड की जमीन पर लाएंगे प्रोजेक्ट
इंदौर। पिछले साल 15 किलोमीटर लम्बे अहिल्या पथ निर्माण (ahilya path construction) के लिए प्राधिकरण (IDA) ने जो 5 टीपीएस योजनाएं (5 TPS Plans) घोषित की थी, वे फिलहाल अधर में पड़ी है, क्योंकि शासन ने रोड के दूसरी तरफ की जमीन भी योजना में शामिल करने के निर्देश दे दिए। दूसरी तरफ आज प्राधिकरण की जो बोर्ड बैठक आयोजित की गई है, उसमें तीन नई टीपीएस योजनाएं भी लैंड पुलिंग एक्ट के तहत घोषित करने पर सहमति होगी। ये योजनाएं धार (Dhar) और खंडवा रोड (Khandwa Road) पर आवासीय, थोक, वाणिज्यिक मंडी और मार्ग निर्माण के लिए लाई जा रही है। ये योजनाएं टीपीएस-11, टीपीएस-12 और टीपीएस-13 कहलाएंगी। इसके अलावा कुल 20 प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखे गए हैं, जिसमें मेघदूत उपवन के पास सुप्रीम कोर्ट से जीती मंगल मैरीलैंड की लगभग 10 एकड़ जमीन पर पीपीपी मॉडल में प्रोजेक्ट लाया जाएगा।
प्राधिकरण को भी नए मास्टर प्लान का इंतजार है, ताकि जो 79 गांव नए निवेश क्षेत्र में शामिल किए गए हैं, वहां पर भी आने वाले समय के लिए योजनाएं घोषित की जा सके। वहीं अहिल्या पथ की अधूरी पड़ी योजना को भी इससे गति मिलेगी, क्योंकि शासन ने 15 किलोमीटर के प्रस्तावित अहिल्या पथ के दूसरी तरफ की कृषि उपयोग की जमीनों को भी योजना में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। मगर अभी समस्या यह है कि कृषि उपयोग की जमीनों पर प्राधिकरण योजना घोषित नहीं कर सकता, जिसके चलते 5 टीपीएस योजनाएं अधर में ही पड़ी है, जिसमें तीन हजार एकड़ जमीनें नैनोद, रिजलाय, जम्बूड़ी हब्सी, बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, लिम्बोदागारी, भौंरासला, रेवती और बरदरी क्षेत्रों में मौजूद हैं। 15 किलोमीटर लम्बे और 75 मीटर चौड़े अहिल्या पथ के लिए दोनों तरफ 300-300 मीटर में ये योजनाएं घोषित की गई थी, वहीं आज तीन और नई टीपीएस योजनाओं को घोषित किए जाने की सहमति बोर्ड में बनेगी, ताकि इनकी जमीनों का विवरण नगर तथा ग्राम निवेश से मंजूर अभिन्यासों की जानकारी हासिल कर खाली पड़ी जमीनों पर ये योजनाएं लाई जाएंगी, वहीं योजना 54 में मेघदूत उपवन के पास 3.83 हेक्टेयर यानी लगभग 10 एकड़ जमीन प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट आदेश से प्राप्त हुई है, जो पहले मंगल मैरीलैंड को आवंटित की गई थी। सालों से यह जमीन भी खाली पड़ी है और एम्यूजमेंट पार्क इसलिए नहीं आ सकता, क्योंकि जमीन पर्याप्त नहीं है। लिहाजा अब प्राधिकरण अब उद्यान के साथ उससे जुड़ी गतिविधियों का पीपीपी मॉडल पर कोई प्रोजेक्ट तैयार करेगा। इसी तरह योजना 151, 169 बी सुपर कॉरिडोर के एक बड़े भूखंड पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण, योजना 94 में स्पोटर््स कॉम्प्लेक्स के प्राप्त टेंडर पर भी निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा प्राधिकरण 1500 फ्लैटों का निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करेगा, ताकि फ्लायओवर, मास्टर प्लान की रोड और अन्य प्रोजेक्टों में बाधक बन रहे विस्थापितों को यहां शिफ्ट किया जा सके।
कान्ह-सरस्वती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट
प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कान्ह-सरस्वती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की तैयार डीपीआर को अरबन इम्प्रूवमेंट के तहत शासन को भेजने संबंधी प्रस्ताव भी रखा गया है। 3.9 किलोमीटर लम्बे रिवर फ्रंट को विकसित कर इन दोनों नदियों को पुनर्जीवित करने और उनके किनारों को विकसित करने का यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके अलावा योजना 71 में एक खाली पड़े भूखंड को सरकारी मदिरा दुकान संचालन के लिए मासिक भाड़े पर देने के अलावा सम्पदा शाखा से जुड़े आधा दर्जन प्रस्ताव भी रखे गए हैं।